Techmi2Space Satellites: स्पेस में डेटा सेंटर बनाने की तैयारी Techmi2Space की थर्मल एनर्जी तकनीक करेगी कमाल!”

Techmi2Space Satellites: वैज्ञानिक अब कोल्ड फ्यूजन तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिससे अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स को लगातार ऊर्जा मिल सकेगी। हैदराबाद की स्टार्टअप कंपनी ‘हाईलाइनर टेक्नोलॉजीज’ जल्द ही इस तकनीक का प्रदर्शन करेगी। इसका मकसद सैटेलाइट्स का वजन कम करना और उनकी उम्र बढ़ाना है।
हाईलाइनर और Techmi2Space का साझेदारी में बड़ा कदम
हाईलाइनर टेक्नोलॉजीज ने Techmi2Space Satellites के साथ मिलकर लो-एनर्जी न्यूक्लियर रिएक्टर (LENR) की टेस्टिंग के लिए साझेदारी की है। LENR तकनीक हाइड्रोजन फ्यूजन के जरिए बिजली उत्पन्न करती है और सामान्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में ज्यादा ऊर्जा देती है।
ज्यादा इनपुट, ज्यादा आउटपुट – कोल्ड फ्यूजन की खासियत
हाईलाइनर टेक्नोलॉजीज के सीईओ सिद्धार्थ दुरैराजन के अनुसार, LENR में 100 वॉट की इनपुट ऊर्जा पर 178 वॉट की आउटपुट थर्मल ऊर्जा मिलती है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने स्काईरूट और इसरो के साथ मिलकर सैटेलाइट लॉन्च की बुकिंग कर ली है और अब सिर्फ लॉन्च डेट का इंतजार है।
सैटेलाइट डेटा सेंटर का नया प्रयोग
Techmi2Space कंपनी अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने पर काम कर रही है। इसके लिए वह क्यूबसैट्स के जीपीयू से निकलने वाली गर्मी को दोबारा ऊर्जा में बदलने की कोशिश कर रही है। इससे लंबी अवधि तक चलने वाले अंतरिक्ष मिशन और ऑफ-ग्रिड पावर सिस्टम को नई ऊर्जा मिल सकती है।
ऊर्जा समाधान में बड़ी क्रांति लाने की तैयारी
हाईलाइनर की कोल्ड फ्यूजन तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ अंतरिक्ष में ही नहीं बल्कि भाप उत्पादन, ठंडे क्षेत्रों में रूम हीटिंग और घरेलू व औद्योगिक जरूरतों के लिए भी किया जाएगा। कंपनी का मानना है कि इससे सैटेलाइट्स पर सौर ऊर्जा और बैटरियों का भार 40-60% तक कम हो सकता है।