Assam सरकार की नीति में बड़ा बदलाव! नाम हो या न हो, अब नहीं चलेगा NRC का बहाना, असम सरकार की चेतावनी

Assam के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम एनआरसी में है लेकिन वह विदेशी साबित होता है तो उसे देश से बाहर भेजा जाएगा। यह सरकार की मौजूदा नीति है।
एनआरसी पर उठाया गया सवाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल हुए हैं उनमें से कई ने गलत तरीके अपनाए हैं। इसलिए केवल एनआरसी में नाम होना यह साबित नहीं करता कि व्यक्ति भारतीय नागरिक है। इस सूची में गड़बड़ियों की बहुत गुंजाइश है जो चिंताजनक है।
बांग्लादेश ने लौटाए कुछ लोगों को
पिछले कुछ महीनों में असम सरकार ने कई ऐसे लोगों को पकड़ा है जिनकी नागरिकता पर सवाल थे। इनमें से कई को बांग्लादेश भेजा गया लेकिन कुछ लोगों को वहां की सरकार ने यह कहकर वापस लौटा दिया कि वे उनके नागरिक नहीं हैं। इससे स्थिति और जटिल हो गई है।
हर्ष मंदर पर गंभीर आरोप
सीएम सरमा ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर पर आरोप लगाया कि उन्होंने असम में दो साल रहकर एनआरसी को प्रभावित करने की साजिश रची। उन्होंने राज्य के कुछ युवाओं को अमेरिका और इंग्लैंड पढ़ने भेजा और उन्हें एनआरसी में हेरफेर के लिए प्रेरित किया। यह जानकारी सीएम को उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद मिली।
विदेशियों की वापसी का सिलसिला जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंगलवार की रात को 19 लोगों को वापस भेजा गया है और बुधवार की रात को 9 और लोगों को भेजा जाएगा। असम सरकार का कहना है कि जब तक किसी की नागरिकता पूरी तरह से स्पष्ट न हो तब तक एनआरसी को अंतिम प्रमाण नहीं माना जाएगा।