Rajnath Singh: भारत रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव से गुजर रहा है, राजनाथ सिंह का बयान; 85% सेना का सामान अब स्वदेशी

भारत के रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने बुधवार को कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के फाइटर एयरक्राफ्ट, मिसाइल सिस्टम और नौसैनिक जहाज न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र भी बन रहे हैं। यह बयान उन्होंने बैंगलोर में आयोजित एरो इंडिया 2025 के समापन समारोह में दिया।
रक्षामंत्री ने स्वदेशीकरण कार्यक्रम और एरो इंडिया 2025 के समापन समारोह में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “एरो इंडिया ने जो ऊँचाई हासिल की है, वह न केवल अद्वितीय है बल्कि ऐतिहासिक भी है। मैं पिछले तीन दिनों से इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहा और अगर मुझे अपने अनुभव को तीन शब्दों में व्यक्त करना हो तो वह होंगे, ऊर्जा, ऊर्जा और ऊर्जा।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि जो कुछ भी हमने यहां देखा, वह ऊर्जा का प्रदर्शन है। यह ऊर्जा और उत्साह न केवल भारत के प्रतिभागियों में बल्कि दुनिया भर के प्रतिभागियों में भी देखा जा सकता है। हमारे उद्यमियों, हमारे स्टार्टअप्स और नवोन्मेषकों में जो उत्साह दिखा, वह सराहनीय है।
भारत की रक्षा प्रणाली में स्वदेशीकरण का बड़ा कदम
रक्षामंत्री ने कहा कि देश अब एक क्रांतिकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत पारंपरिक रूप से अपने रक्षा उपकरणों के लिए आयात पर निर्भर रहा है। अगर हम एक दशक पहले की बात करें तो हमारे देश में 65 से 70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयातित होते थे। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। आज, लगभग उतने ही प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में बनाए जा रहे हैं। यह एक समाधान या चमत्कार से कम नहीं है।
रक्षा मंत्रियों से द्विपक्षीय बैठकें
एरो इंडिया के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जिम्बाब्वे, यमन, इथियोपिया, गाम्बिया और गाबोन के रक्षा मंत्रियों से द्विपक्षीय बैठकें की। इन बैठकों में इन देशों के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने और रक्षा से संबंधित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई और सहमति बनी।
भविष्य के युद्ध के लिए नए सिद्धांतों की आवश्यकता – सीडीएस
एरो इंडिया में आयोजित एक सेमिनार में भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्धों में तकनीकी पहलुओं को जोड़ने के विषय पर संबोधन किया। उन्होंने कहा, “तकनीक को भविष्य के युद्ध से जोड़ना जीत प्राप्त करने का सिर्फ एक हिस्सा है। अगर आपको जीत चाहिए तो आपको नए सिद्धांत विकसित करने होंगे।”
नौसेना के लिए स्वदेशी समाधान पर जोर
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने एरो इंडिया में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नौसैनिक वायु क्षेत्र में स्वदेशी समाधान विकसित करने के लिए घरेलू उद्योग को काम करना होगा। उन्होंने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि देश की रक्षा स्वावलंबन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
सेना का 85% खरीद अब स्वदेशी
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अब भारतीय सेना की 85 प्रतिशत रक्षा खरीद स्वदेशी हो चुकी है। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना अपने मौजूदा उपकरणों और प्लेटफार्मों को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है।
स्वदेशी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र अब आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। देश में हो रही स्वदेशी रक्षा उत्पादन की प्रगति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि भारत अब विदेशी सहायता पर निर्भर नहीं है। स्वदेशीकरण से न केवल हमारी रक्षा क्षमता मजबूत होगी बल्कि यह हमें वैश्विक मंच पर एक नई पहचान भी दिलाएगा।
रक्षामंत्री ने एरो इंडिया के मंच से कहा कि एरो इंडिया का यह आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह आयोजन न केवल भारत की रक्षा क्षेत्र में प्रगति को दर्शाता है, बल्कि दुनिया भर में भारत की शक्ति को भी प्रस्तुत करता है। उन्होंने भारतीय रक्षा उद्योग के उद्यमियों और नवोन्मेषकों की सराहना की और उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया।
एरो इंडिया के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नई संभावना
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि एरो इंडिया का आयोजन भारत के रक्षा उद्योग के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। यहां विभिन्न देशों के रक्षा मंत्री और अन्य विदेशी प्रतिनिधि भारत के स्वदेशी रक्षा उपकरणों और तकनीकी क्षमताओं से प्रभावित हुए हैं और वे भारत के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में सहयोग करने के इच्छुक हैं।
भारत अब रक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा में कदम बढ़ा चुका है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान से स्पष्ट है कि देश का रक्षा क्षेत्र अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और इसके साथ ही देश के रक्षा उत्पादों का वैश्विक स्तर पर आकर्षण भी बढ़ रहा है। एरो इंडिया 2025 का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत की रक्षा क्षमता को एक नया आयाम देगा। साथ ही, घरेलू उद्योग और नवोन्मेषकों के उत्साह और योगदान को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत जल्द ही रक्षा क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक होगा।