Earthquake: पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में भूकंप के तेज झटके, लोगों में दहशत

Earthquake: सोमवार सुबह पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भारतीय समयानुसार सुबह 6:10 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में बताया जा रहा है, जिसकी वजह से इसका प्रभाव जमीन पर अपेक्षाकृत कम महसूस हुआ। हालांकि, भूकंप के झटकों से लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
बंगाल और ओडिशा के कई जिलों में महसूस किए गए झटके
भूकंप का असर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में देखने को मिला। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर सहित पुरी, पारादीप, बारिपदा, संबलपुर, अंगुल, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और बालासोर में झटके महसूस किए गए। वहीं, कोलकाता में भी कुछ सेकंड के लिए भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र समुद्र में होने के कारण इसका प्रभाव धरातल पर कम रहा। हालांकि, समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में भूकंप आने के कारण विशेषज्ञ किसी भी संभावित सुनामी के खतरे पर नजर बनाए हुए हैं।
झारखंड में भी भूकंप के झटके, लोग घरों से निकले बाहर
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ झारखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। राज्य की राजधानी रांची में सुबह 6:00 बजे भूकंप आया, हालांकि इसकी तीव्रता का आधिकारिक रिकॉर्ड अभी सामने नहीं आया है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, भूकंप का केंद्र समुद्र के अंदर 19.52° उत्तरी अक्षांश और 88.55° पूर्वी देशांतर पर स्थित था। भूकंप का केंद्र पुरी से 286 किमी दूर और ब्रह्मपुर से 394 किमी की दूरी पर स्थित था। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह भूकंप किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा का संकेत नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भूकंप आने के बाद लोगों में दहशत, घरों से बाहर निकले लोग
सुबह-सुबह जब लोग अपने घरों में आराम कर रहे थे, तभी अचानक धरती हिलने लगी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने अधिक कंपन महसूस किया। कोलकाता, पुरी, भुवनेश्वर और रांची में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
भूकंप के बाद प्रशासन सतर्क, राहत कार्य दल तैनात
भूकंप के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हो गई हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपदा राहत दल को अलर्ट पर रखा गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य सरकारें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में प्रशासन ने एहतियातन निगरानी बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों की राय – घबराने की जरूरत नहीं, सतर्कता जरूरी
भूकंप विज्ञानियों का कहना है कि फिलहाल इस भूकंप से किसी बड़े नुकसान की आशंका नहीं है, लेकिन लगातार ऐसी घटनाओं से सावधान रहने की जरूरत है। भारतीय भूकंप विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति के लिए पहले से तैयार रहें।
भूकंप आने पर क्या करें और क्या न करें?
भूकंप के दौरान जान-माल की सुरक्षा के लिए कुछ एहतियाती उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों ने भूकंप के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
क्या करें?
- खुले मैदान की ओर जाएं: यदि संभव हो तो किसी खुले स्थान पर जाएं, जहां ऊपर से कोई चीज गिरने की संभावना न हो।
- टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें: यदि बाहर जाना संभव न हो तो मजबूत टेबल या किसी ठोस चीज के नीचे बैठें और सिर व गर्दन को बचाने के लिए हाथों से ढक लें।
- दीवार के साथ टिककर खड़े रहें: यदि घर से बाहर न निकल पाएं तो किसी मजबूत दीवार के सहारे बैठें और सिर को बचाने की कोशिश करें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें: भूकंप के दौरान लिफ्ट का प्रयोग खतरनाक हो सकता है, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- आपातकालीन किट रखें: घर में आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, रेडियो, दवाइयां, पानी और सूखा भोजन शामिल हो।
क्या न करें?
- पैनिक न करें: घबराहट से स्थिति और खराब हो सकती है।
- बिल्डिंग के बालकनी या किनारे पर खड़े न हों: ऊंची इमारतों में खिड़की, बालकनी या छत पर खड़े रहना खतरनाक हो सकता है।
- बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें: बाहर निकलते समय बिजली के खंभों और बड़े पेड़ों से दूर रहें, क्योंकि वे गिर सकते हैं।
- वाहन न चलाएं: भूकंप के दौरान वाहन चलाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।
भविष्य में भूकंप से बचाव के लिए जरूरी कदम
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की जरूरत है। विशेष रूप से तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए:
- भूकंप प्रतिरोधी इमारतों का निर्माण अनिवार्य किया जाए।
- लोगों को आपातकालीन स्थितियों के लिए जागरूक किया जाए।
- भूकंप की भविष्यवाणी और राहत कार्यों में तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए।
आज सुबह पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटकों ने लोगों में डर पैदा कर दिया। हालांकि, कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन प्रशासन सतर्क है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस भूकंप से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए हमें जागरूक और सतर्क रहना होगा।