Himachal Pradesh: रिटायरमेंट पार्टी या जनता की जेब पर बोझ? जानिए अफसर की फेयरवेल का सच

Himachal Pradesh के मुख्य सचिव प्रभोध सक्सेना ने रिटायरमेंट से पहले एक पार्टी रखी और उसका बिल सरकार को भेज दिया। यह पार्टी 14 मार्च को शिमला के सरकारी होटल में हुई थी जिसमें आईएएस अफसरों और उनके परिवारों के लिए खाने की व्यवस्था की गई थी। कुल बिल 1.22 लाख रुपये का बना।
सरकारी पैसे से हुआ खाना और टैक्सी का खर्चा
इस पार्टी में 77 लोगों का खाना एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से हुआ। 22 ड्राइवरों के लिए 585 रुपये प्रति थाली का खाना भी शामिल था। इसके अलावा 11 हजार 800 रुपये टैक्सी का किराया और 22 हजार 350 रुपये टैक्स और अन्य खर्च भी जोड़े गए। यह पूरा बिल प्रशासनिक विभाग के सचिव को भुगतान के लिए भेजा गया।
Himachal Pradesh has over one lakh crore in debt, and pensions are stopped.
But the Chief Secretary spent ₹1.22 lakh on a Holi party for 75 IAS officers and their families, then sent the hotel bill to the state treasury.
While people are suffering, the ‘king’ is busy feasting. pic.twitter.com/WyeYby9MgV
— Chugali Womania (@CWomania) April 17, 2025
पहले भी हो चुकी है सरकारी धन की बर्बादी
यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल के अफसरों पर सरकारी खजाने के दुरुपयोग का आरोप लगा है। पहले भी पूर्व मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी पर आरोप लगे थे कि उन्होंने रेरा के पैसे से सेब के डिब्बे खरीदे और उन्हें अफसरों को गिफ्ट किया। ये डिब्बे 2022 में 44 हजार 100 रुपये में खरीदे गए थे।
जांच की मांग और राजनीतिक प्रतिक्रिया
बीजेपी विधायक विक्रम ठाकुर ने इस मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रशासनिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया है। ठाकुर ने कहा कि जब राज्य एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा है तो अफसरों की ऐसी फिजूलखर्ची आम जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
सीएम के समोसे भी बने विवाद का कारण
यह कोई पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी अक्टूबर 2023 में सीएम के लिए लाए गए समोसे उनके स्टाफ को बांट दिए गए थे जिससे बवाल मच गया था। यह मामला सीआईडी ने जांचा और पाया कि केवल एसआई को जानकारी थी कि ये समोसे सीएम के लिए थे। बाद में पांच पुलिसकर्मियों को नोटिस भी दिए गए।