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FD पर घटते ब्याज से बचने के लिए कैसे करें निवेश का सही चुनाव! जानिए समाधान

FD: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कटौती करने के बाद बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें घटा दी हैं जिससे निवेशकों को कम रिटर्न मिलेगा। इस स्थिति में, यदि आप अभी भी एफडी करना चाहते हैं तो आप कॉरपोरेट एफडी का विकल्प चुन सकते हैं जिसमें अभी भी 9.40% तक ब्याज मिल रहा है।

क्या होती है कॉरपोरेट एफडी?

कॉरपोरेट एफडी या कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा जारी किए जाते हैं। इनमें भी बैंक एफडी की तरह एक निश्चित ब्याज दर होती है। इनकी अवधि कुछ महीनों से लेकर कई सालों तक हो सकती है और इनमें निवेश करने से अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

FD पर घटते ब्याज से बचने के लिए कैसे करें निवेश का सही चुनाव! जानिए समाधान

बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी में अंतर

बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कॉरपोरेट एफडी में ब्याज दर ज्यादा होती है। यही कारण है कि कई निवेशक बैंक एफडी से अधिक रिटर्न पाने के लिए कॉरपोरेट एफडी की ओर आकर्षित होते हैं। हालांकि, बैंक एफडी में सुरक्षा कवच होता है जबकि कॉरपोरेट एफडी में यह सुरक्षा नहीं मिलती।

कॉरपोरेट एफडी में निवेश से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

यदि आप कॉरपोरेट एफडी में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले कंपनी की रेटिंग जांचें। केयर, क्रिसिल और आईसीआरए जैसी रेटिंग एजेंसियों द्वारा दिए गए रेटिंग से आपको यह जानकारी मिल सकती है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी है। AAA रेटिंग वाली कंपनियां सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं।

निवेश से पहले सलाह लें

कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। यह आर्टिकल केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है और किसी भी प्रकार के निवेश से पहले जोखिम का मूल्यांकन करना जरूरी है।

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