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Eid al-Adha 2025: सड़कों पर नहीं हुई नमाज़! काशी से कश्मीर तक गूंजा ईद का जश्न, दिखा नया ईद का नज़ारा

Eid al-Adha 2025: आज पूरे देश में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का पर्व बेहद उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही लोग मस्जिदों की ओर उमड़ पड़े। दिल्ली की जामा मस्जिद में सुबह से ही नमाज़ अदा करने वालों की भीड़ लगी रही। हर राज्य में विशेष नमाज़ अदा की गई और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।

सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौकस

देश के कई हिस्सों में खासकर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। ईदगाह और मस्जिदों के बाहर पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद था। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी। प्रशासन ने बकरीद की कुर्बानी के लिए तय स्थानों पर ही पशु बलि देने की अपील की थी।

मौलाना फिरंगी महली का बयान

मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने बताया कि इस बार सभी ने इस्लामिक सेंटर की गाइडलाइंस का पालन किया। किसी ने भी सड़कों पर नमाज़ नहीं पढ़ी और कुर्बानी के बाद भी लोग पूरी तरह सतर्क दिखे। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्बानी का मतलब केक काटना नहीं बल्कि पशु की बलि देना है और वह भी कानून के दायरे में रहकर।

नेताओं की बधाइयों से गूंजा सोशल मीडिया

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में ईद की बधाई देते हुए जामा मस्जिद के बंद होने पर नाराजगी जताई। उमर अब्दुल्ला ने भी सभी को ईद की मुबारकबाद दी और कहा कि सरकार को कभी-कभी अपनी नीतियों पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं दीं।

देश में भाईचारे और अमन का संदेश

ईद-उल-अजहा के मौके पर देश में भाईचारे और शांति का संदेश गूंजता रहा। काशी से लेकर कश्मीर तक लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर मोहब्बत और एकता का इज़हार किया। इस पर्व ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की विविधता में एकता ही उसकी असली ताकत है।

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