Anant Ambani: शारीरिक तकलीफों को पीछे छोड़ Anant Ambani की 170 किलोमीटर की आस्था यात्र जानिए क्या है उद्देश्य

देश के बड़े उद्योगपति Mukesh Ambani के छोटे बेटे Anant Ambani इन दिनों अपनी कर्मभूमि जामनगर से द्वारका तक की धार्मिक पदयात्रा पर निकले हैं। यह यात्रा उनके लिए केवल आस्था नहीं बल्कि आत्मिक अनुभव बन चुकी है।
हर दिन बीस किलोमीटर की कठिन यात्रा
Anant Ambani 29 मार्च को 170 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले थे। वे हर दिन लगभग बीस किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं और रात को सात घंटे तक लगातार पैदल चल रहे हैं। वे 8 अप्रैल को द्वारका पहुंचेंगे जो उनके 30वें जन्मदिन से एक दिन पहले है।
श्रद्धा और प्रेम से अभिभूत हुए अनंत
Anant Ambani इस यात्रा से भावुक हो गए हैं क्योंकि रास्ते में उन्हें लोगों की बहुत श्रद्धा और प्यार मिला। कई लोग इस यात्रा में उनके साथ भी जुड़ते गए। लोगों की आस्था और सहयोग ने अनंत को और अधिक संबल दिया है।
बीमारी के बावजूद आस्था में अडिग
अनंत कई शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे हैं जैसे मोटापा और फेफड़ों की समस्या लेकिन इसके बावजूद वे पूरे समर्पण भाव से यह यात्रा कर रहे हैं। रास्ते में वे हनुमान चालीसा सुंदरकांड और देवी स्तोत्र का पाठ करते रहते हैं।
धर्म के साथ जिम्मेदारियों का निर्वाह
Anant Ambani न केवल धार्मिक हैं बल्कि व्यावसायिक रूप से भी देश के बड़े प्रोजेक्ट्स को संभाल रहे हैं। वे विश्व की सबसे बड़ी रिफाइनरी की निगरानी करते हैं और देश के प्रमुख ऊर्जा परिवर्तन कार्यों का नेतृत्व भी कर रहे हैं। उन्होंने वंतारा एनिमल शेल्टर की स्थापना की है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया।