Samvidhan Hatya Diwas: 50 साल बाद भी इमरजेंसी की यादें ज़िंदा, भाजपा ने मनाया Samvidhan Hatya Diwas का काला अध्याय

Samvidhan Hatya Diwas: आज देश में आपातकाल लगाए जाने की 50वीं वर्षगांठ है और इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे दिग्गज नेता शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नई पीढ़ी को 1975 से 1977 के बीच की उस काली अवधि से अवगत कराना है जब लोकतंत्र की आवाज को दबा दिया गया था।
दिल्ली से लेकर यूपी तक कार्यक्रमों की भरमार
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के अलावा, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आपातकाल पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई जा रही है। इस प्रदर्शनी में MISA कानून के तहत बंद किए गए बंदियों का विशेष स्वागत किया जाएगा। वहीं उत्तर प्रदेश में भी पूरे राज्यभर में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनका उद्देश्य छात्रों और आम नागरिकों को लोकतंत्र के उस काले अध्याय की जानकारी देना है।
मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्रियों की विशेष भागीदारी
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रतापगढ़ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बाराबंकी में आयोजित ‘ब्लैक डे’ कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इन कार्यक्रमों के ज़रिए आपातकाल की घटनाओं और उस समय हुई संवैधानिक मर्यादाओं के उल्लंघन को उजागर किया जाएगा।
जब भारत की आवाज को कुचल दिया गया था
25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर देश में आपातकाल लगाया गया। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने उनके कहने पर आपातकाल की अधिसूचना जारी की, जिसे बाद में मंत्रिमंडल की मंज़ूरी भी मिली। इस दौरान सैकड़ों नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को बुरी तरह दबा दिया गया। यह 21 महीने का समय स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे अंधकारमय दौर माना जाता है।
सिंधिया का कांग्रेस पर हमला
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि जो नेता आज संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, उन्हें हर साल 25 जून को पश्चाताप करना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल जैसे कट्टरपंथी फैसलों से संविधान को तार-तार किया जबकि आज भाजपा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्पित है।