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Kalpana Chawla Birth Anniversary: दूसरा मिशन बना आखिरी! वो तकनीकी गड़बड़ी जिसने कल्पना चावला की जान ले ली

Kalpana Chawla Birth Anniversary: 1 फरवरी 2003 का दिन विज्ञान और अंतरिक्ष जगत के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। इसी दिन कोलंबिया स्पेस शटल (Columbia Space Shuttle) दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सात अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई। इन सात अंतरिक्ष यात्रियों में भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला (Kalpana Chawla) भी शामिल थीं।

आज कल्पना चावला की जयंती के अवसर पर हम उस दर्दनाक हादसे को याद कर रहे हैं, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। आइए जानते हैं कि कल्पना चावला की मौत अंतरिक्ष में कैसे हुई और इस मिशन में आखिर क्या गलत हुआ था।

कल्पना चावला का आखिरी मिशन – STS-107

16 जनवरी 2003 को कल्पना चावला ने कोलंबिया स्पेस शटल मिशन STS-107 पर अपनी दूसरी और अंतिम अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी। यह NASA के स्पेस शटल प्रोग्राम का 113वां मिशन था। इस मिशन का उद्देश्य 16 दिनों तक अंतरिक्ष में वैज्ञानिक प्रयोग करना था।

Kalpana Chawla Birth Anniversary: दूसरा मिशन बना आखिरी! वो तकनीकी गड़बड़ी जिसने कल्पना चावला की जान ले ली

इस दौरान, अंतरिक्ष यात्रियों ने 80 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। लेकिन, यह ऐतिहासिक अभियान 1 फरवरी 2003 को एक दुखद त्रासदी में बदल गया, जब लैंडिंग से मात्र 16 मिनट पहले स्पेस शटल दुर्घटनाग्रस्त हो गया और सातों अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।

कोलंबिया स्पेस शटल हादसे में जान गंवाने वाले अंतरिक्ष यात्री

  1. डॉ. कल्पना चावला (Kalpana Chawla) – भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री
  2. कर्नल रिक हस्बैंड (Colonel Rick Husband) – कमांडर
  3. कमांडर विलियम मैककूल (Commander William McCool)
  4. लेफ्टिनेंट कर्नल माइकल एंडरसन (Lieutenant Colonel Michael Anderson)
  5. कैप्टन डेविड ब्राउन (Captain David Brown)
  6. कमांडर लहौल क्लार्क (Commander Lahoul Clark)
  7. इजरायली कर्नल इलान रामोन (Israeli Colonel Ilan Ramon)

हादसा कैसे हुआ?

स्पेस शटल कोलंबिया STS-107 ने 16 जनवरी 2003 को सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। लेकिन, लॉन्च के 81.7 सेकंड बाद ही एक तकनीकी खराबी उत्पन्न हो गई, जिसने इस मिशन को असफल बना दिया।

हादसे की प्रमुख वजहें:

  1. थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम की विफलता – उड़ान के दौरान, शटल के बाहरी ईंधन टैंक (External Fuel Tank) से इन्सुलेशन का एक टुकड़ा टूटकर गिरा और स्पेस शटल के बाएं पंख (Left Wing) के अग्रभाग से टकरा गया।
  2. स्पीड और ऊंचाई का असर – जब यह घटना हुई, तब शटल की गति 2,649 किलोमीटर प्रति घंटे थी और यह 20,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था।
  3. गंभीर क्षति – इन्सुलेशन का टुकड़ा टकराने के कारण बाएं पंख की थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (Thermal Protection System) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे शटल की सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई।
  4. वायुमंडलीय दबाव का प्रभाव – 1 फरवरी 2003 को जब कोलंबिया स्पेस शटल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तो उसके क्षतिग्रस्त पंख ने अत्यधिक गर्मी को सहन नहीं किया और स्पेस शटल के निचले हिस्से में आग लग गई।
  5. पूर्ण विघटन – कुछ ही मिनटों में शटल के कई हिस्से अलग-अलग होकर गिरने लगे और टेक्सास तथा लुइसियाना के ऊपर पूरी तरह से नष्ट हो गया।

टेक्सास और लुइसियाना के ऊपर गिरे शटल के टुकड़े

इस दुर्घटना के बाद, स्पेस शटल के बचे हुए मलबे को टेक्सास और लुइसियाना के आसमान में बिखरते हुए देखा गया। यह दृश्य इतना भयावह था कि इसे स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर लाइव प्रसारित किया गया।

नेशनल पब्लिक रेडियो (National Public Radio) को दिए गए एक बयान में टेक्सास निवासी बॉब मोल्टर (Bob Molter) ने बताया कि—

“मैंने आसमान में शटल को टूटते हुए देखा और धुएं की टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें बनती देखीं। यह नजारा बेहद डरावना था।”

NASA के लिए यह हादसा एक बहुत बड़ा झटका था, क्योंकि कोलंबिया स्पेस शटल उनके सबसे पुराने और भरोसेमंद स्पेसक्राफ्ट में से एक था।

NASA ने क्या कदम उठाए?

इस त्रासदी के बाद NASA ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए—

  1. हादसे की जांच के लिए बोर्ड गठित – NASA ने कोलंबिया एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड (Columbia Accident Investigation Board – CAIB) बनाया, जिसने इस दुर्घटना के कारणों की गहन जांच की।
  2. अंतरिक्ष सुरक्षा नियमों को कड़ा किया – भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए NASA ने थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम की निगरानी को और मजबूत किया।
  3. स्पेस शटल कार्यक्रम को अस्थायी रूप से रोक दिया गया – इस हादसे के बाद NASA ने अपने स्पेस शटल प्रोग्राम को लगभग दो सालों तक रोक दिया और सुरक्षा सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया।
  4. अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए नई तकनीक अपनाई – भविष्य के मिशनों में थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम की दोबारा जांच और उसे सुधारने के लिए नई तकनीक लागू की गई।

कल्पना चावला: भारत की बेटी, दुनिया की नायक

कल्पना चावला न केवल भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं, बल्कि उन्होंने पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की।

उनकी उपलब्धियां:

  • कल्पना चावला नासा में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
  • उन्होंने 1997 में पहली बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी।
  • उनकी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सपनों को पूरा करने की जिद ने उन्हें दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बना दिया।

आज भी कल्पना चावला का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी याद में भारत और अमेरिका में कई संस्थानों, सड़कों और पुरस्कारों का नामकरण किया गया है।

कल्पना चावला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत एक दुखद घटना थी, लेकिन उन्होंने विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण में जो योगदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।

उनकी जयंती के इस अवसर पर हम सभी को उनके साहस और जज़्बे से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत करनी चाहिए।

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