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Union Budget 2025: किसानों और मध्यम वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ

Union Budget 2025: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2025-26 के वित्तीय वर्ष का केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में विशेष रूप से देश के किसानों और मध्यम वर्ग पर ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तुत करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार साझा किए।

सार्वजनिक व्यय में कोई कमी नहीं, सरकार का फोकस कैपेक्स पर

वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हमने सार्वजनिक व्यय में कोई कमी नहीं की है। हम कैपेक्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और इसके मल्टीप्लायर प्रभाव को देखते हुए यह सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यही कारण है कि सरकार के द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय ने हमें वित्तीय संकट से उबारने में मदद की है।” निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार का यह प्रयास है कि देश की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे और साथ ही विकास दर भी ऊँची बनी रहे।

आयकर प्रणाली को सरल बनाने के लिए नया विधेयक

वित्त मंत्री ने इस बजट में आयकर सुधारों को भी अहमियत दी। उन्होंने कहा, “हम जनता की आवाज को ध्यान में रखते हुए लगातार सुधार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार एक उत्तरदायी सरकार है और इसी कारण आयकर प्रणाली को सरल बनाने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अगले सप्ताह हम आयकर सुधार बिल पेश करेंगे, जो देश के करदाताओं के लिए एक राहत साबित होगा। इसके अलावा, कस्टम ड्यूटी को भी सरल और युक्तिसंगत बनाया जाएगा, जिससे व्यापारियों को कम समस्याओं का सामना करना पड़े।”

पीएम धनधान्य कृषि योजना: किसानों के लिए बड़ी राहत

इस बजट में किसानों के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। वित्त मंत्री ने “प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना” की घोषणा की। इस योजना के तहत देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादकता में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन जिलों में कृषि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए स्टोरेज और सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से देश के 1 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा।

वित्त मंत्री ने इस योजना को लेकर कहा, “कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए यह योजना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनके उत्पादों का भंडारण और परिवहन आसान हो जाएगा। इससे देशभर के किसानों को फायदा होगा और कृषि क्षेत्र में मजबूती आएगी।”

मध्यम वर्ग के लिए आयकर में छूट

इस बजट में मध्यम वर्ग को भी बड़ी राहत दी गई है। निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इससे देश के लाखों लोग, जो अब तक आयकर की श्रेणी में आते थे, अब उन्हें कर में छूट मिलेगी। यह घोषणा मध्यवर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखी जा रही है। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और वे अपनी आवश्यकताओं के लिए अधिक धन उपलब्ध कर सकेंगे।

अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सरकार के कदम

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है, जो आने वाले वर्षों में विकास को गति देंगी। इनमें कैपेक्स के लिए अतिरिक्त निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, और व्यापार क्षेत्र में सुधार की योजनाएँ शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, “हमने अपनी पूरी कोशिश की है कि यह बजट देश के विकास को बढ़ावा दे, रोजगार के अवसर पैदा करें और देश के आर्थिक भविष्य को सुदृढ़ बनाए। हमें विश्वास है कि इस बजट से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और विकास की गति तेज होगी।”

कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में सुधार

कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष ध्यान दिया गया है। पीएम धनधान्य कृषि योजना के तहत कृषि उत्पादकता में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने और किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी योजनाएँ बनाई गई हैं।

समग्र विकास की दिशा में सरकार के प्रयास

सरकार का यह बजट केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य देश की समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और व्यापार के क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम किया जाएगा।

कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2025 किसानों, मध्यम वर्ग और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। यह बजट न केवल वित्तीय संतुलन को बनाए रखने का प्रयास है, बल्कि इसका उद्देश्य देश के हर वर्ग को विकास के मुख्यधारा में लाना है। वित्त मंत्री के अनुसार, यह बजट “समग्र विकास” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में देश के आर्थिक स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकता है।

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