Share Market This Week: भारत के आम बजट के बाद इस सप्ताह का शेयर बाजार, विशेषज्ञों की राय

Share Market This Week: 1 फरवरी को भारत का आम बजट प्रस्तुत किया गया, और शनिवार होने के बावजूद शेयर बाजार खुले रहे। हालांकि बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं हुआ और अंततः बाजार फ्लैट बंद हुआ। अब निवेशकों के पास इस बजट का विश्लेषण करने के लिए सप्ताहांत का समय है। सवाल यह है कि इस सप्ताह शेयर बाजार का रुख क्या होगा? आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों का क्या कहना है।
शेयर बाजार के रुझान को प्रभावित करने वाले प्रमुख फैक्टर
विशेषज्ञों के अनुसार, इस सप्ताह के शेयर बाजार के रुझान का निर्धारण प्रमुख रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लिए जाने वाले ब्याज दरों के निर्णय, कंपनियों के तिमाही परिणामों और वैश्विक रुझानों पर निर्भर करेगा। इसके अतिरिक्त, यह भी संभावना है कि आम बजट का असर इस सप्ताह भी बाजार पर बना रहे। विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों का भी बाजार पर असर पड़ेगा, जो इस सप्ताह देखने को मिल सकता है।
सोमवार को जारी होगा PMI डेटा
मोटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के सिद्धार्थ खेड़का ने कहा, “सोमवार को अमेरिकी और भारतीय पीएमआई (प्रोच्योर मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स) का डेटा जारी होगा, जो एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक डेटा है। निवेशक बजट दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन करेंगे, और बाजार कंपनियों के तिमाही परिणामों पर भी ध्यान देगा। इसके अलावा, शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का एलान भी होगा, जिसे निवेशक बहुत ध्यान से देखेंगे।”
इस सप्ताह आने वाले तिमाही परिणाम
इस सप्ताह एशियन पेंट्स, पीसी ज्वैलर, टाटा पावर, टाइटन, अपोलो टायर्स, भारती एयरटेल, आईटीसी, एसबीआई, एलआईसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और एनएचपीसी जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम आ सकते हैं। महेता इक्विटी लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) प्रशांत तपासे ने कहा, “सवाल यह है कि क्या आरबीआई अपनी नीति को नरम करेगा और इस सप्ताह ब्याज दरें घटाएगा? हालांकि, निवेशकों को वैश्विक घटनाओं पर भी नजर रखनी होगी, क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा बिकवाली से बाजार की धारणा पर दबाव बन सकता है।”
बजट के प्रभाव को समझने के लिए दो दिन का समय चाहिए
विशेषज्ञों के अनुसार, बजट के प्रभाव को समझने के लिए एक या दो दिन का समय और लग सकता है। एंजेल वन के वरिष्ठ विश्लेषक ओशो कृष्णन ने कहा, “इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण घटनाएं घट सकती हैं, जिनमें आरबीआई-मोनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के परिणाम, दिल्ली विधानसभा चुनाव और अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। इससे बाजार में कुछ अस्थिरता हो सकती है।” कृष्णन ने आगे कहा कि बजट आ चुका है, लेकिन शनिवार को एफआईआई का भागीदारी बहुत कम था, इसलिए उनका वास्तविक रिएक्शन सोमवार को देखने को मिल सकता है। बजट का बाजार पर असर समझने के लिए निवेशकों को एक या दो दिन इंतजार करना होगा।
वैश्विक रुझानों का प्रभाव
वैश्विक घटनाओं का भारतीय शेयर बाजार पर बड़ा असर हो सकता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में लगातार वृद्धि और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजार की धारणा कमजोर हो सकती है। इन घटनाओं के चलते भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार संबंधों में अनिश्चितताएं और अन्य अर्थव्यवस्थाओं में होने वाली घटनाएं भी भारतीय बाजार पर प्रभाव डाल सकती हैं। इस सप्ताह निवेशकों को वैश्विक संकेतों पर खास ध्यान देना होगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति: ब्याज दरों में कोई बदलाव होगा?
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक शुक्रवार को होने वाली है, और इस बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव किया जा सकता है। हालांकि, बाजार इस बैठक से पहले ब्याज दरों में किसी भी बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई अपनी नीति को नरम कर सकता है और ब्याज दरों में कमी कर सकता है, जो भारतीय शेयर बाजार को प्रोत्साहन दे सकता है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि और वैश्विक व्यापार के तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए, आरबीआई का निर्णय सीमित रूप से प्रभावी हो सकता है।
कंपनियों के तिमाही परिणामों पर नजर
इस सप्ताह कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम आने वाले हैं, जिनसे निवेशकों को बाजार के रुझान के बारे में महत्वपूर्ण संकेत मिल सकते हैं। एशियन पेंट्स, टाटा पावर, भारती एयरटेल, आईटीसी, और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के परिणाम बाजार की दिशा निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। कंपनियों के अच्छे परिणाम से बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है, जबकि खराब परिणाम से बाजार में गिरावट भी हो सकती है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को इस सप्ताह बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाओं के बीच, विशेष रूप से आरबीआई की मौद्रिक नीति, कंपनियों के तिमाही परिणाम और वैश्विक संकेतों पर नजर रखना बहुत जरूरी है। निवेशकों को बजट और वैश्विक घटनाओं के प्रभाव का अध्ययन करना होगा और उसके अनुसार अपनी निवेश रणनीतियों को तय करना होगा।
इस सप्ताह के शेयर बाजार का रुझान कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिनमें आरबीआई की मौद्रिक नीति, कंपनियों के तिमाही परिणाम, वैश्विक घटनाएं और बजट के प्रभाव शामिल हैं। हालांकि बाजार में अस्थिरता हो सकती है, लेकिन निवेशकों को धैर्य और सतर्कता से काम लेना होगा। सही जानकारी और समर्पित विश्लेषण से निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव का सही तरीके से फायदा उठा सकते हैं।