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बीजेपी अध्यक्ष चुनाव में PM Modi ने संभाला मोर्चा! अब क्या होगा फैसला?

PM Modi: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने अपने निवास पर अमित शाह राजनाथ सिंह और बीएल संतोष जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में उन राज्यों की संगठनात्मक बाधाओं पर चर्चा हुई जहां चुनाव नहीं हो पाए थे। अब उम्मीद है कि अगले दो तीन दिनों में आधा दर्जन राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम घोषित किए जाएंगे और इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

जेपी नड्डा का कार्यकाल और चुनाव में देरी की वजह

जेपी नड्डा जनवरी 2020 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म होना था लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते इसे बढ़ा दिया गया। मार्च 2024 में फिर से उनके कार्यकाल को 40 दिन के लिए बढ़ाया गया जो अब 23 अप्रैल को खत्म हो रहा है। चूंकि कई राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे नहीं हुए हैं इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा है। पीएम मोदी अब इसे जल्द निपटाना चाहते हैं।

बीजेपी अध्यक्ष चुनाव में PM Modi ने संभाला मोर्चा! अब क्या होगा फैसला?

संगठनात्मक चुनाव बना सबसे बड़ा रोड़ा

बीजेपी संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज बनाना जरूरी होता है जिसमें राज्य परिषद और राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शामिल होते हैं। लेकिन कर्नाटक उत्तर प्रदेश गुजरात उत्तराखंड मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में संगठनात्मक चुनाव न होने से यह प्रक्रिया अटकी हुई है। बिना इन राज्यों के चुनाव के ना तो राष्ट्रीय परिषद का कोटा तय हो सकता है और ना ही इलेक्टोरल कॉलेज बन सकता है।

प्रदेश अध्यक्षों को लेकर जातीय समीकरण भी एक चुनौती

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष दलित वर्ग से हो पिछड़े वर्ग से हो या सवर्ण वर्ग से। चूंकि अगला विधानसभा चुनाव इन्हीं नेताओं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इसलिए बीजेपी कोई भी फैसला सोच-समझकर लेना चाहती है। यही स्थिति गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी है जहां सामाजिक संतुलन बनाए रखना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है।

बीजेपी को चाहिए ऐसा अध्यक्ष जो संगठन और चुनाव दोनों संभाले

बीजेपी अब ऐसा राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहती है जो मोदी शाह और संघ की पसंद का हो और संगठन को मजबूती से संभाल सके। यह नया अध्यक्ष ही 2029 के लोकसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेगा। इसलिए पार्टी एक ऐसे चेहरे की तलाश में है जो विपक्ष के नैरेटिव को चुनौती दे सके और संगठन में युवाओं और महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दे सके। इसके अलावा नए महासचिव और सचिवों की टीम में 50 फीसदी से ज्यादा युवा चेहरों को शामिल करने की तैयारी है। बिहार के 2025 और केरल तमिलनाडु असम और बंगाल के 2026 के चुनावों में नए अध्यक्ष की असली परीक्षा होगी।

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