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DIGIPIN से जुड़ी नई तकनीक कैसे बदलेगी भारत में कुरियर सेवा! जानिए डिजिटल पते का कमाल

अब भारत में कुरियर भेजने के लिए पुराने PIN कोड की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीय डाक सेवा ने DIGIPIN सेवा शुरू की है जो आपकी लोकेशन कोऑर्डिनेट्स के आधार पर डिजिटल PIN कोड तैयार करती है। इससे आपका पैकेज सही और सटीक पते पर पहुंच जाएगा। इस नई सुविधा से डाक वितरण और इमरजेंसी सेवाओं को भी मदद मिलेगी।

DIGIPIN क्या है और कैसे काम करता है

DIGIPIN एक अनोखा 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जो आपके घर या ऑफिस के लोकेशन कोऑर्डिनेट्स पर आधारित होता है। भारतीय डाक ने इसके लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च की है जहां से आप अपना डिजिटल PIN कोड जनरेट कर सकते हैं। DIGIPIN से न सिर्फ कुरियर भेजना आसान होगा बल्कि आप इसे पुलिस, एम्बुलेंस और फायर सर्विस जैसी इमरजेंसी सेवाओं में भी शेयर कर सकते हैं। इससे मदद तुरंत और सही जगह पहुंचेगी।

DIGIPIN से जुड़ी नई तकनीक कैसे बदलेगी भारत में कुरियर सेवा! जानिए डिजिटल पते का कमाल

DIGIPIN कैसे जनरेट करें

DIGIPIN जनरेट करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home पर जाना होगा। वहां जाकर अपने डिवाइस को लोकेशन एक्सेस देना होगा। लोकेशन एक्सेस देने के बाद आपकी सटीक लोकेशन के आधार पर DIGIPIN तैयार हो जाएगा। इसे आप इमरजेंसी कॉल, लॉजिस्टिक्स, कुरियर डिलीवरी या कैब बुकिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं।

DIGIPIN के निर्माण में IIT हैदराबाद, NRSC और ISRO का योगदान

DIGIPIN बनाने में IIT हैदराबाद, NRSC और ISRO ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने लोकेशन को 4 मीटर बाय 4 मीटर के ग्रिड में बांटकर हर ग्रिड को एक यूनिक 10 कैरेक्टर वाला अल्फान्यूमेरिक कोड दिया है। इस तरह हर जगह का पता बेहद सटीक और अलग होता है। DIGIPIN मौजूदा 6 अंकों के PIN कोड से अलग और ज्यादा सटीक है।

DIGIPIN के फायदे और उपयोग

DIGIPIN का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह से सटीक होता है। पुराने PIN कोड इलाके के बड़े हिस्से को कवर करते थे जबकि DIGIPIN सीधे आपके घर या ऑफिस की लोकेशन बताता है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से काम करता है। इसलिए डाक, आपातकालीन सेवाएं, कैब बुकिंग और पैकेज डिलीवरी अब बहुत आसान और तेज होगी।

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