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Google की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट 32 बिलियन डॉलर में खरीदेगी साइबर सिक्योरिटी स्टार्टअप विज

Google की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने साइबर सिक्योरिटी स्टार्टअप विज (Wiz) को 32 बिलियन डॉलर में खरीदने का फैसला किया है। यह अब तक की सबसे बड़ी टेक डील मानी जा रही है। इस अधिग्रहण के बाद विज को गूगल क्लाउड (Google Cloud) यूनिट का हिस्सा बनाया जाएगा। इस डील का उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस को मजबूत करना है, ताकि अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) और माइक्रोसॉफ्ट अज्योर (Microsoft Azure) जैसे क्लाउड-कंप्यूटिंग दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल की जा सके।

32 बिलियन डॉलर की डील: बड़ी साइबर सुरक्षा योजना

विज के को-फाउंडर और सीईओ असाफ रैपोपोर्ट (Asaf Rappaport) ने अपने ब्लॉग पोस्ट में इस डील की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमने गूगल द्वारा अधिग्रहण के लिए एक डील साइन की है। यह डील नियामक समीक्षा (Regulatory Review) के अधीन है, और पूरा होने के बाद विज, गूगल क्लाउड का हिस्सा बन जाएगा।”

पिछले ऑफर से 9 बिलियन डॉलर ज्यादा की डील

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डील पिछले साल के ऑफर से 9 बिलियन डॉलर ज्यादा पर हुई है। 2023 में अल्फाबेट ने विज को खरीदने के लिए 23 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस बार कंपनी ने 32 बिलियन डॉलर में इसे खरीदने का फैसला किया।

Google की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट 32 बिलियन डॉलर में खरीदेगी साइबर सिक्योरिटी स्टार्टअप विज

कैश में होगी डील

यह डील पूरी तरह से कैश में की जाएगी। इससे पहले, 2011 में अल्फाबेट ने मोटोरोला मोबिलिटी (Motorola Mobility) को 12.5 बिलियन डॉलर में खरीदा था। यह सौदा भी उस समय की बड़ी टेक डील में शामिल था।

विज के प्रमुख ग्राहक और सेवाएं

विज, अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS), माइक्रोसॉफ्ट अज्योर (Azure) और गूगल क्लाउड (Google Cloud) जैसे प्रमुख क्लाउड प्रोवाइडर्स के साथ काम करता है। इसके ग्राहक बड़े वैश्विक ब्रांड्स हैं, जिनमें मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley), बीएमडब्ल्यू (BMW) और एलवीएमएच (LVMH) जैसी कंपनियां शामिल हैं।

गूगल क्लाउड को मिलेगी मजबूती

इस अधिग्रहण के बाद विज के साइबर सुरक्षा उत्पाद गूगल क्लाउड के साथ जुड़ जाएंगे। इससे गूगल की क्लाउड सेवाएं मजबूत होंगी और कंपनी साइबर हमलों से बचाव के लिए नए समाधान पेश कर सकेगी।

अल्फाबेट के शेयर में गिरावट

डील की घोषणा के बाद अल्फाबेट के शेयरों में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को कंपनी का शेयर 13% तक गिरा। इसके पीछे मुख्य कारण कंपनी का एआई पर भारी निवेश और चीन की कम लागत वाली डीपसीक (DeepSeek) टेक्नोलॉजी का उभरना है। पिछले दो वर्षों में टेक दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है।

क्लाउड कंप्यूटिंग रेस में बढ़त

गूगल इस अधिग्रहण के जरिए क्लाउड कंप्यूटिंग की रेस में अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर देना चाहती है। अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) और माइक्रोसॉफ्ट अज्योर (Azure) क्लाउड सेवाओं में अग्रणी हैं, जबकि गूगल क्लाउड को अभी भी बाजार में मजबूत पकड़ बनाने की जरूरत है।

विज का प्रभाव और महत्व

विज एक तेजी से उभरता हुआ स्टार्टअप है, जिसने क्लाउड सिक्योरिटी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसकी सेवाएं बड़ी टेक कंपनियों को साइबर हमलों से बचाने में मदद करती हैं। गूगल के साथ जुड़ने के बाद इसकी सेवाएं और ज्यादा मजबूत और व्यापक हो जाएंगी।

रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार

हालांकि, इस डील को अभी कुछ नियामक और अन्य अनुमतियों की जरूरत है। नियामक एजेंसियां इस डील की समीक्षा करेंगी और हरी झंडी मिलने के बाद ही अधिग्रहण पूरा होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।

डील का असर

  1. गूगल को मिलेगा साइबर सुरक्षा में बढ़त: विज के अधिग्रहण के बाद गूगल क्लाउड साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।
  2. क्लाउड सेवाओं का विस्तार: गूगल की क्लाउड सेवाओं में नए सुरक्षा समाधान जुड़ेंगे, जिससे ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
  3. बाजार में प्रतिस्पर्धा: अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों को टक्कर देने के लिए गूगल को नई रणनीति मिलेगी।

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का विज को 32 बिलियन डॉलर में खरीदना साइबर सुरक्षा और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। इस अधिग्रहण के जरिए गूगल को क्लाउड मार्केट में मजबूत स्थिति मिलेगी और वह अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट को कड़ी टक्कर दे सकेगी। हालांकि, इस डील के पूरा होने के लिए अभी नियामक एजेंसियों की मंजूरी का इंतजार है, जो 2026 तक पूरी हो सकती है।

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