GDP: “भारत की रफ्तार फिर तेज़! S&P ने बढ़ाया ग्रोथ अनुमान, क्या अब आएगा निवेशों का सैलाब?

GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P Global Ratings ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। पिछले महीने ही एजेंसी ने वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिकी व्यापार नीतियों के चलते इसे 6.3 प्रतिशत तक घटा दिया था। लेकिन अब मानसून सामान्य रहने, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और मौद्रिक नीति में सहूलियत को देखते हुए S&P को भारत की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर लग रही है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी बनी राहत की वजह
S&P की रिपोर्ट में बताया गया कि कच्चे तेल की कीमतें अभी पिछले साल की तुलना में कम हैं, जिससे भारत जैसे ऊर्जा आयात करने वाले देशों को बड़ी राहत मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी ब्रेंट क्रूड की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल से नीचे हैं। यही वजह है कि भारत पर अभी मुद्रास्फीति और चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) का भारी दबाव नहीं पड़ेगा। विश्रुत राणा, S&P के अर्थशास्त्री के अनुसार, तेल की कीमतें भले ही थोड़ा बढ़ें लेकिन मौजूदा आपूर्ति और मांग के संतुलन से दीर्घकालिक संकट की संभावना कम है।
वैश्विक तनाव से बना जोखिम लेकिन भारत मजबूत
हालांकि S&P ने यह भी चेताया कि पश्चिम एशिया में जारी भू-राजनीतिक तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक चली और कच्चे तेल की कीमतें ऊपर रहीं, तो इससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर तीन तरफा दबाव पड़ सकता है— चालू खाता घाटा बढ़ेगा, उत्पादन लागत बढ़ेगी और महंगाई में उछाल आएगा। लेकिन फिलहाल S&P का मानना है कि भारत इन जोखिमों से अपेक्षाकृत सुरक्षित है।
रुपये और महंगाई पर कोई बड़ा दबाव नहीं
S&P की रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं हों, लेकिन भारत में रुपये और महंगाई पर कोई विशेष दबाव नहीं पड़ेगा। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि ऊर्जा की वैश्विक कीमतें फिलहाल नियंत्रण में हैं। इसके चलते भारत को न तो आयात पर अधिक खर्च करना पड़ेगा और न ही घरेलू ऊर्जा कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि खाद्य पदार्थों की महंगाई अभी ज्यादा चुनौतीपूर्ण है, जबकि ऊर्जा से संबंधित महंगाई फिलहाल काबू में है।
भारत बना निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य
इस ग्रोथ अनुमान में सुधार से यह साफ हो गया है कि भारत अभी भी वैश्विक निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद गंतव्य बना हुआ है। मजबूत घरेलू मांग, संरचनात्मक सुधारों और बेहतर नीतियों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था लगातार स्थिर बनी हुई है। S&P के इस अपडेट से न केवल सरकार को राहत मिलेगी बल्कि बाजारों में भी इसका सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।