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Vedanta Ltd. ने Demerger की अंतिम तारीख बढ़ाई, NCLT और सरकारी मंजूरी लंबित, मार्च तक देरी का फैसला

भारत की प्रमुख खनन और प्राकृतिक संसाधन कंपनी Vedanta Ltd. ने अपने डिमर्जर (विभाजन) की समयसीमा को अगले वर्ष मार्च तक बढ़ा दिया है। कंपनी ने यह निर्णय अपने बोर्ड और संबंधित कंपनियों से परामर्श करने के बाद लिया है। इस कदम का मुख्य कारण यह है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और कुछ सरकारी प्राधिकरणों से आवश्यक मंजूरी अभी भी लंबित है।

कंपनी ने हाल ही में एक नियामक फाइलिंग के माध्यम से यह घोषणा की। वेदांता ने बताया कि डिमर्जर की मूल रूप से मार्च 2025 तक की समयसीमा को पहले सितंबर 2025 तक बढ़ाया गया था, जिसे अब और बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दिया गया है। कंपनी के अनुसार, NCLT मुंबई बेंच और संबंधित सरकारी प्राधिकरणों से अनुमोदन की प्रक्रिया अभी पूरी की जा रही है, इसलिए बोर्ड ने समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।

डिमर्जर का उद्देश्य और महत्व

वेदांता के डिमर्जर का मुख्य उद्देश्य कंपनी के विभिन्न व्यापार क्षेत्रों को अलग-अलग स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित करना है। इसे कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक बदलाव माना जा रहा है। वेदांता रिसोर्सेज के सीईओ देशानी नायडू ने पहले उम्मीद जताई थी कि डिमर्जर इस वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाएगा, और फिलहाल कंपनी पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हाल ही में, NCLT ने वेदांता के डिमर्जर प्रस्ताव पर सुनवाई को 8 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसमें आवश्यक खुलासों की कमी बताई गई थी।

Vedanta Ltd. ने Demerger की अंतिम तारीख बढ़ाई, NCLT और सरकारी मंजूरी लंबित, मार्च तक देरी का फैसला

डिमर्जर योजना में बदलाव

वेदांता ने अपनी डिमर्जर योजना में कुछ बदलाव भी किए हैं। प्रारंभिक योजना के अनुसार, कंपनी के मौजूदा व्यवसायों को छह स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित किया जाना था: वेदांता एल्युमिनियम, वेदांता ऑयल और गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील और फेरस मटीरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड। हालांकि, बाद में कंपनी ने इस योजना में संशोधन किया और बेस मेटल्स यूनिट को मूल कंपनी के भीतर रखने का निर्णय लिया।

वेदांता लिमिटेड का वैश्विक महत्व

वेदांता लिमिटेड, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की सहायक कंपनी, विश्व की प्रमुख प्राकृतिक संसाधन, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है। यह कंपनी भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लाइबेरिया, UAE, सऊदी अरब, कोरिया, ताइवान और जापान में सक्रिय है। इसके प्रमुख क्षेत्र तेल और गैस, जिंक, सीसा, चांदी, तांबा, स्टील और एल्यूमिनियम शामिल हैं। डिमर्जर के पूरा होने के बाद, कंपनी को विभिन्न व्यापार क्षेत्रों में अधिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता प्राप्त होगी, जिससे निवेशकों और उद्योग जगत के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।

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