Stock Market: हरे निशान में खुला भारतीय बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में हल्की बढ़त

Stock Market: सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। आज बीएसई सेंसेक्स 76,073.71 अंकों पर खुला, जो पिछले बंद के मुकाबले 76.85 अंकों की बढ़त दर्शाता है। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 22,963.65 अंकों पर खुला, जिसमें 4.15 अंकों की हल्की बढ़त देखी गई। हालाँकि, सोमवार को बाजार भारी गिरावट के साथ खुला था, लेकिन अंत में हरे निशान में बंद हुआ। बीते दिन सेंसेक्स 75,996.86 अंकों पर 57.65 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था और निफ्टी 50 भी 22,959.50 अंकों पर 30.25 अंकों की मजबूती के साथ बंद हुआ था।
अब भी जारी है गिरावट का सिलसिला
पिछले साल सितंबर के अंत से ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू कारकों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। इस बीच, आज बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई, लेकिन निवेशकों की नजर पूरे दिन के उतार-चढ़ाव पर बनी रहेगी।
सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयर हरे निशान में खुले
आज सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 19 शेयर हरे निशान में खुले, जबकि 11 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे। निफ्टी 50 के 50 शेयरों में से 24 में बढ़त, 25 में गिरावट और 1 शेयर स्थिर नजर आया।
सबसे ज्यादा बढ़ने वाले स्टॉक्स
आज सेंसेक्स में सन फार्मा का शेयर 0.97% की बढ़त के साथ सबसे ऊपर रहा। इसके अलावा भारती एयरटेल (0.89%), अदाणी पोर्ट्स (0.70%), जोमैटो (0.62%), आईटीसी (0.60%), नेस्ले इंडिया (0.43%), टाइटन (0.32%), पावरग्रिड (0.32%), लार्सन एंड टुब्रो (0.26%), हिंदुस्तान यूनिलीवर (0.26%), एक्सिस बैंक (0.16%), बजाज फिनसर्व (0.12%), एशियन पेंट्स (0.10%) में भी हल्की बढ़त देखी गई।
सबसे ज्यादा गिरावट वाले स्टॉक्स
आज सबसे अधिक नुकसान मारुति सुजुकी को हुआ, जिसका शेयर 0.42% की गिरावट के साथ खुला। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट (-0.37%), एनटीपीसी (-0.18%), एचडीएफसी बैंक (-0.13%), इंफोसिस (-0.11%) और एचसीएल टेक (-0.05%) भी लाल निशान में नजर आए।
क्या है बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह?
भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
- वैश्विक बाजारों का प्रभाव: अमेरिका और यूरोप के बाजारों में चल रही मंदी का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिससे दबाव बना हुआ है।
- घरेलू आर्थिक स्थिति: भारत में महंगाई दर, ब्याज दरों में बदलाव और सरकार की आर्थिक नीतियां भी बाजार पर असर डाल रही हैं।
- कमजोर डॉलर और रुपया: रुपये की कमजोरी और डॉलर की मजबूती भी विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार को कम आकर्षक बना रही है।
किन सेक्टर्स पर रहेगी निवेशकों की नजर?
1. बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर
एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों के शेयरों में हलचल देखी जा रही है। निवेशकों की नजर ब्याज दरों में संभावित बदलाव और लोन ग्रोथ पर बनी हुई है।
2. आईटी सेक्टर
इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक और विप्रो जैसी कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया। ग्लोबल आईटी मांग में सुस्ती इस सेक्टर पर असर डाल रही है।
3. ऑटो सेक्टर
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी ऑटो कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर है। इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) से जुड़े अपडेट्स इस सेक्टर की दिशा तय कर सकते हैं।
4. फार्मा और हेल्थकेयर
सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, सिप्ला और बायोकॉन के शेयरों में हलचल रही। इस सेक्टर को डिफेंसिव माना जाता है, जो बाजार में गिरावट के समय बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
5. रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर
लार्सन एंड टुब्रो, डीएलएफ और गोदरेज प्रॉपर्टीज जैसी कंपनियों के शेयर निवेशकों के लिए अहम बने हुए हैं। सरकार की बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाएं इस सेक्टर को मजबूती दे सकती हैं।
क्या करें निवेशक?
- लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है। लंबी अवधि के निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं।
- बाजार की स्थिति पर नजर रखें: ग्लोबल ट्रेंड, एफआईआई मूवमेंट और घरेलू कारकों का विश्लेषण करें।
- स्मार्ट डाइवर्सिफिकेशन अपनाएं: एक ही सेक्टर में निवेश करने की बजाय, पोर्टफोलियो को विविधता दें।
- इंट्राडे ट्रेडिंग से बचें: मौजूदा उतार-चढ़ाव के माहौल में इंट्राडे ट्रेडिंग से जोखिम बढ़ सकता है।
- ब्लूचिप कंपनियों में निवेश करें: बड़ी और मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
भारतीय शेयर बाजार ने आज हरे निशान में शुरुआत की, लेकिन उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। वैश्विक बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार अपनी मजबूती बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है और लंबी अवधि के लिए सोच-समझकर निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, वैश्विक मंदी की स्थिति और विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ प्रमुख भूमिका निभाएंगी।