SpiceJet in trouble: तीन विमान लीज़रों और एक पूर्व पायलट ने दायर किया दिवालियापन याचिका

SpiceJet in trouble: विमानन कंपनी स्पाइसजेट के लिए एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ गई हैं। तीन विमान लीज़रों और एक पूर्व पायलट ने आयरलैंड से राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में दिवालियापन याचिका दायर की है, जिसमें कंपनी पर भुगतान में चूक का आरोप लगाया गया है। तीन विमान लीज़रों – NGF Alpha, NGF Genesis और NGF Charlie – ने भारतीय दिवालियापन और ऋणशोधन संहिता (IBC) की धारा 9 के तहत स्पाइसजेट के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। इन याचिकाओं में कुल $12.6 मिलियन (करीब 110 करोड़ रुपये) का दावा किया गया है, जो कंपनी पर बकाया है।
स्पाइसजेट ने समय मांगा, निपटान प्रक्रिया जारी
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की कार्यवाही के दौरान स्पाइसजेट ने इस मामले को सुलझाने के लिए कुछ समय देने की मांग की, क्योंकि कंपनी के बीच निपटान वार्ता जारी थी। न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि ऑपरेशनल क्रेडिटर (स्पाइसजेट) के वकील मौजूद हैं और उन्होंने भविष्य की कार्रवाई के लिए निर्देश प्राप्त करने का समय मांगा है। इस संबंध में न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि तीनों याचिकाओं की सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को फिर से होगी। याचिकाकर्ताओं ने स्पाइसजेट को एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने विमान के हिस्सों, जिसमें इंजन भी शामिल हैं, की चोरी की और उनका उपयोग अन्य विमानों में किया।
पूर्व पायलट की याचिका पर भी सवाल उठे
इसके अतिरिक्त, पायलट द्वारा दायर की गई याचिका के संबंध में NCLT की एक दो सदस्यीय बेंच ने यह सवाल उठाया कि क्या पायलट के दावे दिवालियापन और ऋणशोधन संहिता (IBC) की धारा 10A के तहत प्रतिबंधित हैं। न्यायाधिकरण ने कहा कि ऑपरेशनल क्रेडिटर का वकील मौजूद है और उन्होंने इस मुद्दे को विशेष रूप से धारा 10A की लागू होने की स्थिति और कुछ दावों की सीमा पर विचार करने के लिए समय मांगा है। इस पर न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि इस मामले को 15 अप्रैल 2025 को लिस्ट किया जाए।
स्पाइसजेट पर बढ़ते दबाव का असर
स्पाइसजेट पर यह कानूनी कार्रवाई कंपनी के लिए नए संकट का संकेत है। इससे पहले भी स्पाइसजेट पर विभिन्न वित्तीय दबाव और कानूनी मामले उठ चुके हैं। विमानन क्षेत्र में स्पाइसजेट को लेकर कई समस्याएं आई हैं, जिनमें विमानों के संचालन में विघ्न, लीज़ भुगतान में चूक, और कर्मचारियों के भुगतान से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रही हैं। इन हालात में, कंपनी को अपने वित्तीय संकट से उबरने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
IBC के तहत कार्यवाही और कंपनी के भविष्य पर असर
IBC के तहत दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने का मतलब है कि स्पाइसजेट को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। यदि यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है तो स्पाइसजेट को अपने संचालन को सुधारने और लेनदारों के साथ समझौता करने में कई कानूनी और वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। यह कंपनी के भविष्य के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है, खासकर जब विमानन क्षेत्र पहले ही आर्थिक दबाव से जूझ रहा है।
निपटान वार्ता का महत्व
स्पाइसजेट ने इस मामले को निपटाने के लिए वार्ता की कोशिश की है, लेकिन कानूनी कार्रवाई के बावजूद कंपनी के लिए यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। ऐसे में, निपटान की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विफलता कंपनी को बड़े आर्थिक संकट में डाल सकती है। इसके साथ ही, कंपनी को अपने विमान लीज़रों और कर्मचारियों के साथ भरोसा बहाल करने की जरूरत होगी ताकि उसका संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।
कानूनी प्रक्रिया और भविष्य की सुनवाई
स्पाइसजेट के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई के तहत, NCLT में आगामी तारीखें बहुत महत्वपूर्ण होंगी। 7 अप्रैल 2025 को तीनों याचिकाओं की अगली सुनवाई होगी, और इसके बाद 15 अप्रैल 2025 को पायलट की याचिका पर भी निर्णय लिया जाएगा। इन तारीखों से यह तय होगा कि कंपनी की कानूनी स्थिति में क्या बदलाव आता है और क्या कंपनी को राहत मिलती है या उसे आगे के संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।
स्पाइसजेट के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। तीन विमान लीज़रों और एक पूर्व पायलट द्वारा दायर की गई दिवालियापन याचिका कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि, कंपनी ने निपटान वार्ता शुरू की है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया और इसके परिणाम कंपनी के भविष्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। इन सब हालात में स्पाइसजेट को अपने वित्तीय मामलों को संभालने के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता होगी, ताकि वह विमानन उद्योग में अपनी स्थिति को बनाए रख सके।