Stock market में सुधार के संकेत, निवेशकों को अब जल्दबाजी में नुकसान नहीं उठाना चाहिए

पिछले कुछ महीनों में Stock market में लगातार गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। लाखों करोड़ों के नुकसान ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अब बाजार में उछाल वापस आएगा और निवेशकों को जल्दबाजी में नुकसान उठाने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि बाजार विशेषज्ञ ऐसा क्यों कह रहे हैं और कौन सी वजहें हैं, जिनसे बाजार में उछाल की उम्मीद जगी है।
शेयर बाजार में उछाल के संकेत:
- बजट: इस साल का बजट निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आया है। बजट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए गए हैं, जिनसे बाजार में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के लिए राहत देने वाले प्रस्तावों से निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है।
- आयकर में कटौती: आयकर में कटौती से आम आदमी को राहत मिलेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी हो सकती है, जो शेयर बाजार को बल प्रदान करेगा।
- शेयरों के मूल्य में सुधार: बाजार में आई गिरावट के कारण कई कंपनियों के शेयरों के मूल्य में भारी गिरावट आई है, जिससे शेयरों का मूल्य अब सही स्तर पर आ चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका है, क्योंकि इस समय शेयर सस्ते मिल रहे हैं और इनके मूल्य में बढ़ोतरी की संभावना है।
- मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के अच्छे तिमाही परिणाम: कई मिड और स्मॉल कैप कंपनियों ने अच्छे तिमाही परिणाम घोषित किए हैं, जिससे इन कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है। इन कंपनियों के प्रदर्शन से निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है और बाजार में उछाल आ सकता है।
- दिल्ली चुनाव परिणाम में बीजेपी की वापसी: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की वापसी ने भारतीय बाजारों में एक सकारात्मक असर डाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चुनावी परिणाम से बाजार का मनोबल बढ़ेगा और निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा।
- क्यूआईपी और आईपीओ में मंदी: हाल के महीनों में क्यूआईपी और आईपीओ गतिविधियां धीमी हो गई थीं, लेकिन अब इनमें सुधार की संभावना है। इन गतिविधियों में बढ़ोतरी से बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और बाजार को गति मिलेगी।
- एफआईआई (FII) की बिक्री में कमी: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिक्री में कमी आई है, जो बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जब एफआईआई भारतीय बाजारों में निवेश बढ़ाते हैं, तो बाजार में तेजी देखने को मिलती है।
विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर निगाहें
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह आने वाली महंगाई और अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों से बाजार की दिशा तय होगी। विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर भी बाजार की गति निर्भर करेगी। साथ ही, कंपनियों के तिमाही परिणाम और रुपया-डॉलर ट्रेंड भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुणेत सिंहानिया ने कहा कि इस सप्ताह भारतीय और विदेशी बाजारों के लिए कई गतिविधियां होने वाली हैं। इस सप्ताह महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा और कंपनियों के तिमाही परिणाम आने वाले हैं, जिनका बाजार पर असर पड़ेगा।
महंगाई, औद्योगिक उत्पादन और जीडीपी आंकड़े
सिंहानिया ने कहा कि इस सप्ताह भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े आएंगे। इनमें अमेरिकी महंगाई आंकड़े, भारतीय महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े शामिल हैं। इन आंकड़ों का असर बाजार की दिशा पर पड़ेगा। 12 फरवरी को भारत का महंगाई और औद्योगिक उत्पादन डेटा जारी होगा, जबकि बुधवार को अमेरिकी महंगाई के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे।
ब्रिटेन का जीडीपी आंकड़ा और अमेरिकी रिटेल बिक्री
सिंहानिया ने कहा कि ब्रिटेन का जीडीपी डेटा भी इस सप्ताह जारी होगा, जो बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा। वहीं, शुक्रवार को अमेरिका के खुदरा बिक्री के आंकड़े भी आने वाले हैं, जो वैश्विक बाजारों की दिशा तय करेंगे।
कंपनियों के तिमाही परिणाम
सिंहानिया ने कहा कि इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणाम भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इस सप्ताह एicher मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, वोडाफोन आइडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तिमाही परिणाम घोषित किए जाएंगे। इन कंपनियों के परिणामों से बाजार में बदलाव देखने को मिल सकता है।
बजट और आरबीआई की नीतियों से सुधार
वहीं, जीओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि अच्छा बजट और आरबीआई की नीतियों के कारण बाजार का मूड धीरे-धीरे सुधार रहा है। खासकर, ब्याज दरों में कटौती से बाजार में सुधार की उम्मीद है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का भी बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है और इससे बाजार का मनोबल मजबूत हुआ है।
कुल मिलाकर, शेयर बाजार में सुधार के संकेत हैं और निवेशकों को जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए। महंगाई, औद्योगिक उत्पादन, कंपनियों के तिमाही परिणाम और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगी। यदि इन सभी कारकों का सकारात्मक असर पड़ा, तो शेयर बाजार में उछाल देखा जा सकता है। इसलिए, निवेशकों को बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और सटीक समय पर निवेश करने का प्रयास करना चाहिए।