Priyanka Kharge का बड़ा बयान बना तूफान! झूठी खबरों पर लगेगा ब्रेक, कर्नाटक सरकार ला रही बड़ा कानून

Priyanka Kharge: सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ फैलाने के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। अब इस पर लगाम लगाने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार एक ऐसा नया कानून ला रही है जिसमें गलत जानकारी फैलाने वाले लोगों को 7 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ये बिल हाल ही में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में पेश किया है और इस पर जमकर चर्चा हो रही है।
प्रियंक खड़गे ने बताया भारत को ‘मिसइंफॉर्मेशन की राजधानी’
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खड़गे ने इस बिल के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत इस समय गलत जानकारी फैलाने के मामले में नंबर वन है। उन्होंने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत ‘मिसइंफॉर्मेशन’ की राजधानी बन चुका है और ये देश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने की सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने यह भी बताया कि खुद आर्मी चीफ ने कहा है कि सेना का 50 फीसदी समय सिर्फ अफवाहों और झूठी खबरों से निपटने में चला जाता है।
#WATCH | Bengaluru | On Karnataka government's bill to curb misinformation, Karnataka Minister Priyank Kharge says, "India is misinformation capital of the world and as per World Economic Forum, we rank one in misinformation… This is one of the root causes of the law and order… pic.twitter.com/EzsySe0JEK
— ANI (@ANI) June 22, 2025
मिसइंफॉर्मेशन, मनी और मसल – लोकतंत्र के दुश्मन
प्रियंक खड़गे ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने पहले ही चेताया था कि मनी, मसल और मिसइंफॉर्मेशन यानी 3M लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि फेक न्यूज़ लोकतंत्र के लिए खतरा है। वहीं देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने भी यह साफ कर दिया है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सबसे बड़ा खतरा गलत सूचनाओं से है।
नए कानून के तहत क्या होगा दंड
कर्नाटक सरकार के प्रस्तावित कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया के ज़रिए किसी का बयान तोड़-मरोड़कर पेश करता है या जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग करता है या किसी वीडियो को एडिट करके उसे भ्रामक बनाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कानून में स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी के खिलाफ झूठी खबर फैलाई जाती है तो आरोपी को जेल और भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
फेक न्यूज़ और मिसइंफॉर्मेशन में क्या है फर्क
फेक न्यूज़ का मतलब होता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी जानकारी को गलत तरीके से फैलाता है ताकि किसी की छवि खराब की जा सके। वहीं मिसइंफॉर्मेशन तब होती है जब कोई व्यक्ति बिना इरादा रखे कोई गलत जानकारी साझा करता है लेकिन वह जानकारी फिर भी किसी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। दोनों ही मामलों में व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है और इसलिए इन दोनों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी हो जाती है।