PM Modi: ‘RSS’ वटवृक्ष का रूप ले चुका है, भारत की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है’

PM Modi ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), जिसकी नींव 100 साल पहले रखी गई थी, एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है और भारत की महान संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि RSS ने लाखों लोगों की तरह उन्हें भी देश के लिए जीने की प्रेरणा दी।
प्रधानमंत्री ने यह बातें नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कहीं। उन्होंने मराठी भाषा की प्रशंसा करते हुए इसे ‘अमृत से भी मीठी’ बताया और कहा कि वे लगातार इस भाषा को सीखने और इसके नए शब्दों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि RSS की वजह से ही उन्हें मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
मराठी भाषा को मिला ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में मराठी भाषा को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “देश और दुनिया में बसे 12 करोड़ मराठी भाषी लोग इस फैसले का वर्षों से इंतजार कर रहे थे। मुझे यह कार्य पूरा करने का अवसर मिला, इसे मैं अपने जीवन का सौभाग्य मानता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हो चुके हैं, अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती मनाई जा रही है, और बाबा साहेब अंबेडकर के प्रयासों से निर्मित भारत का संविधान भी अपने 75 वर्ष पूरे कर चुका है। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को मराठी भाषा और संस्कृति के लिए गर्व का विषय बताया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 100 वर्षों से भारत की महान परंपरा और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक संस्कार यज्ञ चला रहा है। pic.twitter.com/eJnAn7LgF9
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2025
‘100 साल पहले महाराष्ट्र की भूमि पर बोया गया था RSS का बीज’
पीएम मोदी ने कहा, ” हमें इस बात पर भी गर्व होना चाहिए कि 100 साल पहले महाराष्ट्र की भूमि पर एक मराठी भाषी महापुरुष ने RSS का बीज बोया था। यह वटवृक्ष का रूप लेकर अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।”
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 100 वर्षों से एक ‘संस्कार यज्ञ’ चला रहा है, जिससे भारत की महान परंपरा और संस्कृति को वेदों से लेकर स्वामी विवेकानंद तक नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं सौभाग्यशाली हूं कि RSS ने लाखों लोगों की तरह मुझे भी देश के लिए जीने की प्रेरणा दी। संघ की वजह से ही मुझे मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का सौभाग्य मिला।”
RSS के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को किया नमन
RSS की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयदशमी के दिन नागपुर में की थी। हेडगेवार का जन्म नागपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और RSS का मुख्यालय भी नागपुर में ही स्थित है। RSS को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है।
पीएम मोदी ने डॉ. हेडगेवार को नमन करते हुए कहा, “उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना को मजबूत करने के लिए इस संगठन की स्थापना की थी, जो एक विशाल और प्रभावशाली संगठन बन चुका है।”
झंडेवालान स्थित RSS मुख्यालय का हुआ पुनर्निर्माण
हाल ही में दिल्ली के झंडेवालान स्थित पुराने RSS कार्यालय का पुनर्निर्माण किया गया है। नए परिसर में 4 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले तीन 13 मंजिला टॉवर और लगभग 300 कमरे व कार्यालय बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस नए भवन का भी उल्लेख किया और इसे संगठन की बढ़ती शक्ति और व्यापक प्रभाव का प्रतीक बताया।
मराठी साहित्य सम्मेलन का महत्व
98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मराठी भाषा का साहित्य, इतिहास और संस्कृति भारत की समृद्ध धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने मराठी लेखकों, कवियों और साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे अपने लेखन के माध्यम से भारतीय समाज को जागरूक कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, “मराठी साहित्य ने सदियों से भारत की चेतना को स्वर दिया है। संत ज्ञानेश्वर, तुकाराम, शिवाजी महाराज, लोकमान्य तिलक और बाबा साहेब अंबेडकर जैसे महापुरुषों ने मराठी भाषा और संस्कृति को गौरवान्वित किया है।”
शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई होल्कर की विरासत
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में छत्रपति शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की नीतियां भी देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वहीं, अहिल्याबाई होल्कर ने भारतीय संस्कृति और धर्मस्थलों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा, “शिवाजी महाराज का प्रशासनिक कौशल, उनकी युद्धनीति और उनका राष्ट्रप्रेम हर भारतीय के लिए एक सीख है। हमें उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।”
PM मोदी की मराठी भाषा सीखने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपनी व्यक्तिगत रुचि को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि वे मराठी भाषा के प्रति आकर्षित हैं और लगातार इसके नए शब्दों को सीखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। मैं इसे सीखने और इसके नए शब्दों को समझने की कोशिश कर रहा हूं।”
RSS और मराठी समाज के बीच ऐतिहासिक संबंध
PM मोदी ने कहा कि RSS और मराठी समाज के बीच गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। महाराष्ट्र की धरती ने इस संगठन को जन्म दिया, और मराठी भाषियों ने इसे मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यह संगठन भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन मराठी भाषा, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, RSS के 100 वर्षों की यात्रा और इसके देश के विकास में योगदान पर प्रकाश डालता है। उन्होंने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और RSS के योगदान को भारतीय समाज के लिए प्रेरणा बताया।
प्रधानमंत्री का यह बयान न केवल मराठी भाषियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता को भी दर्शाता है।