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भारत की ऊर्जा क्रांति! Adani Green Energy ने रचा इतिहास, 15,000 मेगावॉट से भी ज्यादा क्षमता का रिकॉर्ड

Adani Green Energy: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने इतिहास रच दिया है। कंपनी की परिचालन क्षमता अब 15,539.9 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है जो कि अब तक भारत में सबसे तेज और सबसे बड़ी क्षमता वृद्धि है। इस उपलब्धि ने भारत को ग्रीन एनर्जी उत्पादन के वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है। कंपनी के पोर्टफोलियो में 11,005.5 मेगावॉट सौर ऊर्जा, 1,977.8 मेगावॉट पवन ऊर्जा और 2,556.6 मेगावॉट हाइब्रिड ऊर्जा शामिल है।

गौतम अडानी का ट्वीट और भावनात्मक संदेश

अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सोमवार को एक ट्वीट के माध्यम से इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि अदानी ग्रीन ने 15,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पार कर ली है। यह भारत के इतिहास में सबसे तेज और सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी निर्माण की कहानी है। खावड़ा के रेगिस्तानी क्षेत्र से लेकर दुनिया की शीर्ष 10 ग्रीन एनर्जी उत्पादक कंपनियों में जगह बनाने तक, यह मील का पत्थर सिर्फ एक संख्या नहीं है।”

2030 तक 50,000 मेगावॉट का लक्ष्य

AGEL के CEO आशीष खन्ना ने इस सफलता को टीम की मेहनत और प्रतिबद्धता का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि, “यह हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि हमने 15,000 मेगावॉट की सीमा पार कर ली है। यह हमारी टीम, निवेशकों, ग्राहकों और भागीदारों के सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाता। हमारा अगला लक्ष्य 2030 तक 50,000 मेगावॉट क्षमता तक पहुंचना है।” कंपनी इस लक्ष्य को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स के जरिए हासिल कर रही है जो भारत में एक अनोखा प्रयास है।

पूर्वोत्तर भारत को पूरी तरह रोशन कर सकती है यह ऊर्जा

अदानी ग्रीन की मौजूदा परिचालन क्षमता से लगभग 79 लाख घरों को बिजली दी जा सकती है। इतना ही नहीं यह 13 राज्यों को रोशन करने की क्षमता रखती है और पूरा पूर्वोत्तर भारत इसकी हरित ऊर्जा से बिजली पा सकता है। इससे साफ होता है कि कंपनी न केवल शहरी भारत बल्कि दूर-दराज के इलाकों में भी ऊर्जा क्रांति ला रही है। यह उपलब्धि उस समय आई है जब AGEL ने देश को साफ और किफायती ऊर्जा देने के अपने 10 साल पूरे किए हैं।

भारत की वैश्विक पहचान को मिली मजबूती

इस उपलब्धि ने भारत को दुनिया के शीर्ष 10 ग्रीन एनर्जी उत्पादक देशों की सूची में पहुंचा दिया है। खावड़ा के रेगिस्तान से शुरू हुआ यह सफर अब वैश्विक मंच पर भारत की नई पहचान बन चुका है। यह सिर्फ अदानी ग्रीन की सफलता नहीं है बल्कि पूरे भारत की ग्रीन और सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम है।

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