Hockey India’s big decision: सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2025 में प्रमोशन और रेलिगेशन सिस्टम लागू

Hockey India’s big decision: भारतीय महिला हॉकी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए हॉकी इंडिया ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। हॉकी इंडिया ने सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2025 में प्रमोशन और रेलिगेशन सिस्टम लागू करने की घोषणा की है। यह टूर्नामेंट 1 मार्च से 12 मार्च 2025 तक ताऊ देवी लाल हॉकी स्टेडियम, पंचकूला में आयोजित होगा।
इस नई प्रणाली के तहत, बेहतर प्रदर्शन करने वाली टीमों को ऊपरी डिवीजन में जगह मिलेगी, जबकि खराब प्रदर्शन करने वाली टीमों को निचले डिवीजन में भेज दिया जाएगा। इससे टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और सभी टीमें अपनी पूरी क्षमता के साथ खेलेंगी।
क्या है प्रमोशन और रेलिगेशन सिस्टम?
प्रमोशन और रेलिगेशन सिस्टम एक ऐसी प्रतियोगी व्यवस्था है, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय खेल लीगों और टूर्नामेंटों में लागू किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और खिलाड़ियों को प्रेरित करना होता है। इस प्रणाली के तहत:
- बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीमें अगले टूर्नामेंट में ऊपरी डिवीजन में प्रवेश करेंगी।
- खराब प्रदर्शन करने वाली टीमें अगले सीजन में निचले डिवीजन में चली जाएंगी।
- इससे हर मैच का महत्व बढ़ जाएगा, क्योंकि हर टीम अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष करेगी।
- खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से भारतीय महिला हॉकी का स्तर ऊंचा होगा।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने इस नई व्यवस्था के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “प्रमोशन और रेलिगेशन प्रणाली का लागू होना भारतीय हॉकी के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इससे हर मैच में उत्साह और महत्व बढ़ेगा, चाहे वह खिताबी मुकाबला हो या रेलिगेशन से बचने का संघर्ष।”
सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2025 का प्रारूप
इस बार की सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में कुल 28 टीमें भाग ले रही हैं। इन टीमों को तीन डिवीजनों में बांटा गया है:
- डिवीजन ए (Division A) – शीर्ष 12 टीमें
- डिवीजन बी (Division B) – मध्यम स्तर की टीमें
- डिवीजन सी (Division C) – निचले स्तर की टीमें
डिवीजन ए की टीमें प्रतिष्ठित चैंपियनशिप ट्रॉफी के लिए भिड़ेंगी, जबकि डिवीजन बी और सी की टीमें प्रमोशन और रेलिगेशन के लिए खेलेंगी।
डिवीजन ए: ट्रॉफी के लिए जंग
डिवीजन ए में 12 शीर्ष टीमें शामिल हैं, जिन्हें चार पूलों में बांटा गया है:
- पूल A: हॉकी हरियाणा, हॉकी एसोसिएशन ऑफ ओडिशा, हॉकी कर्नाटक
- पूल B: हॉकी महाराष्ट्र, मणिपुर हॉकी, हॉकी पंजाब
- पूल C: हॉकी झारखंड, हॉकी मिजोरम, हॉकी यूनिट ऑफ तमिलनाडु
- पूल D: हॉकी मध्य प्रदेश, हॉकी बंगाल, उत्तर प्रदेश हॉकी
इन टीमों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि सभी की नजरें सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2025 की ट्रॉफी पर होंगी।
कैसे होगा टूर्नामेंट का आयोजन?
- लीग स्टेज: प्रत्येक पूल की टीमें आपस में भिड़ेंगी और अंक तालिका के आधार पर आगे बढ़ेंगी।
- नॉकआउट स्टेज: लीग स्टेज में टॉप पर रहने वाली टीमें सेमीफाइनल और फिर फाइनल में प्रवेश करेंगी।
- रेलगेशन मुकाबले: जो टीमें पूल स्टेज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगी, उन्हें अगले सीजन में निचले डिवीजन में भेज दिया जाएगा।
हॉकी इंडिया की नई पहल से खिलाड़ियों को कैसे मिलेगा फायदा?
1. खेल का स्तर सुधरेगा
चूंकि हर टीम को अपने डिवीजन में बने रहने या प्रमोशन पाने की होड़ होगी, वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करेंगी। इससे प्रतियोगिता का स्तर ऊंचा होगा।
2. नए खिलाड़ियों को मिलेगा मौका
नए और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, जिससे हॉकी में नई प्रतिभाएं उभरेंगी।
3. भारतीय टीम को मिलेंगे बेहतरीन खिलाड़ी
जो खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, उन्हें भारतीय महिला हॉकी टीम में जगह मिल सकती है।
4. राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
हर राज्य अपनी टीम को मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं को बेहतर करेगा, जिससे पूरे देश में हॉकी के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
हॉकी इंडिया का भविष्य का लक्ष्य
हॉकी इंडिया का उद्देश्य भारतीय महिला हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाना है। यह प्रमोशन और रेलिगेशन प्रणाली खिलाड़ियों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और अनुशासित बनाएगी, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी।
सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2025 में प्रमोशन और रेलिगेशन सिस्टम लागू करना हॉकी इंडिया का एक क्रांतिकारी कदम है। इससे खिलाड़ियों में बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी और हर मैच रोमांचक होगा।
अब देखने वाली बात होगी कि इस नई प्रणाली के साथ कौन सी टीमें शीर्ष पर पहुंचती हैं और कौन सी टीमें अगले सत्र में अपने स्थान को बनाए रखने में सफल होती हैं। भारतीय महिला हॉकी के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह प्रणाली बेहद लाभकारी साबित हो सकती है।