Alkaline vs Carbon Filter: क्या आपके पानी में गंध है या स्वाद खराब है? जानिए सही फिल्टर कौन सा है!

Alkaline vs Carbon Filter: आजकल ज्यादातर लोग अपने घरों में वाटर प्यूरीफायर लगवाते हैं ताकि पानी शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक हो। लेकिन जब बात फिल्टर चुनने की आती है तो सबसे ज्यादा कंफ्यूजन अल्कलाइन फिल्टर और कार्बन फिल्टर के बीच होती है। दोनों पानी को साफ करने के लिए होते हैं लेकिन इनके तरीके और फायदे अलग होते हैं।
अल्कलाइन फिल्टर का काम
अल्कलाइन फिल्टर पानी का pH लेवल बढ़ाता है और उसे हल्का अल्कलाइन बना देता है। यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि अम्लीय खाने या पानी का हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके फायदे में पानी का स्वाद सुधारना और शरीर में अम्लता को कम करना शामिल है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
कार्बन फिल्टर का काम
कार्बन फिल्टर पानी से गंध, स्वाद और हानिकारक रसायनों को हटाने का काम करता है। इसमें सक्रिय कार्बन होता है जो पानी में मौजूद गंदगी को छोटे छेदों के जरिए अवशोषित कर लेता है। कार्बन फिल्टर क्लोरीन और कीटनाशकों को हटा देता है और पानी का स्वाद और गंध सुधारता है। इस तरह का फिल्टर उन स्थानों पर अच्छा काम करता है जहां पानी में गंध या क्लोरीन की समस्या होती है।
कौन सा फिल्टर बेहतर है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी जरूरत क्या है। अगर आप पानी को स्वास्थ्यवर्धक बनाना चाहते हैं तो अल्कलाइन फिल्टर आपके लिए सही हो सकता है। लेकिन अगर आपके इलाके में पानी का स्वाद खराब है या उसमें गंध आती है तो कार्बन फिल्टर ज्यादा फायदेमंद रहेगा। आप चाहें तो दोनों का उपयोग एक साथ भी कर सकते हैं।
दोनों फिल्टर का संयोजन
अगर आप दोनों फिल्टर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप पहले कार्बन फिल्टर से पानी की गंदगी को साफ कर सकते हैं और फिर अल्कलाइन फिल्टर के जरिए पानी में खनिजों को जोड़ सकते हैं। इससे आपको शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक पानी मिलेगा और दोनों फिल्टर के फायदे एक साथ मिलेंगे।