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ACME Solar का बड़ा निवेश योजना, 17,000 करोड़ रुपये की कैपेक्स निवेश से बढ़ेगी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता

ACME Solar: भारत में ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ती हुई मांग और पर्यावरणीय चुनौतियों के मद्देनज़र नवीकरणीय ऊर्जा की ओर रुझान बढ़ रहा है। इसी कड़ी में, ACME Solar ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को और बढ़ाने के लिए 17,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। यह निवेश कंपनी की प्रमुख रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी हाइब्रिड और 24×7 नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पर विशेष ध्यान देगी।

ACME Solar का लक्ष्य: 5 गीगावॉट क्षमता तक पहुंचना

ACME Solar ने अपने बयान में कहा है कि वह 2027 तक अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 5 गीगावॉट तक पहुंचाने की योजना बना रही है। कंपनी के लिए यह कदम ऊर्जा की आपूर्ति में वृद्धि और ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अहम है। इस निवेश का उद्देश्य न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा को 24×7 उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न तकनीकों को भी शामिल करना है।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में उनकी योजनाएं ‘ड्राइंग बोर्ड’ स्टेज पर हैं, लेकिन साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि ACME Solar न्यूक्लियर पावर क्षेत्र में कदम रखने का विचार कर रही है। हालांकि, इस योजना के लिए अभी तक कोई निश्चित योजना नहीं बनाई गई है और यह अभी शुरुआती चरण में है।

ACME Solar का बड़ा निवेश योजना, 17,000 करोड़ रुपये की कैपेक्स निवेश से बढ़ेगी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता

हाइब्रिड और FDRE परियोजनाओं पर ध्यान

ACME Solar के सीईओ, निखिल धिंगरा ने इस निवेश की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारी योजना है कि हम अपनी नई क्षमता को हाइब्रिड और FDRE (Firm and Dispatchable Renewable Energy) परियोजनाओं पर केंद्रित करें, जो हमारे व्यापारिक रणनीति का एक अहम हिस्सा है।” हाइब्रिड और FDRE परियोजनाओं का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में स्थिरता और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।

FDRE परियोजनाएं उन नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को कहते हैं, जो ऊर्जा भंडारण प्रणालियों से जुड़ी होती हैं। इन प्रणालियों की खासियत यह है कि वे हमेशा हरे-भरे ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा प्रदान करती हैं, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के अनियमितता की समस्याओं को हल किया जा सकता है। इसके अलावा, इस प्रकार की परियोजनाओं के माध्यम से हर समय ग्रीन एनर्जी की आपूर्ति की जा सकती है, जिससे बिजली संकट के समय में भी ऊर्जा उपलब्ध होती रहती है।

चरणबद्ध विस्तार योजना

निखिल धिंगरा ने यह भी बताया कि ACME Solar इस क्षमता विस्तार को दो अलग-अलग चरणों में लागू करेगी, जिसमें पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक कई नई परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। कंपनी ने इस विस्तारीकरण योजना को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, और इसके तहत कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

ACME Solar की मौजूदा स्थिति

वर्तमान में, ACME Solar की कुल पोर्टफोलियो क्षमता 6,970 मेगावॉट (MW) है। इसमें से 2,540 MW पहले ही कमीशन हो चुका है, जबकि 4,430 MW की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनमें से 49 प्रतिशत परियोजनाएं हाइब्रिड और FDRE परियोजनाओं पर आधारित हैं, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, क्योंकि यह न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाता है बल्कि ऊर्जा की आपूर्ति में स्थिरता भी सुनिश्चित करता है।

नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती हुई मांग और पर्यावरणीय मुद्दों के बीच, ACME Solar का यह विस्तार योजना भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, कंपनी का यह कदम भारत सरकार के ‘स्वच्छ ऊर्जा’ और ‘नवीकरणीय ऊर्जा’ के लक्ष्यों के साथ भी मेल खाता है, जिनके तहत सरकार 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखती है।

ACME Solar का भविष्य

ACME Solar का आगामी विस्तार न केवल देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि यह ऊर्जा संकट के समाधान के रूप में भी महत्वपूर्ण होगा। कंपनी का ध्यान हाइब्रिड और FDRE परियोजनाओं की ओर है, जो भविष्य में बिजली आपूर्ति के स्थायित्व को सुनिश्चित कर सकती हैं। इसके अलावा, कंपनी द्वारा निवेशित राशि से ऊर्जा उत्पादन की गति तेज हो सकती है, जिससे ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा और देश में बिजली के संकट को कम किया जा सकेगा।

इसी तरह, ACME Solar का न्यूक्लियर पावर क्षेत्र में प्रवेश करने का विचार भी भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक नई दिशा हो सकता है, हालांकि इस विचार को लेकर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह भारत के ऊर्जा आपूर्ति नेटवर्क को और सुदृढ़ कर सकती है।

ACME Solar का 17,000 करोड़ रुपये का निवेश भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हाइब्रिड और FDRE परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने से कंपनी की क्षमता में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे न केवल ग्रीन एनर्जी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि ऊर्जा संकट को भी हल किया जा सकेगा। साथ ही, न्यूक्लियर पावर में संभावित निवेश इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। ACME Solar का यह कदम न केवल निवेशकों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों की ओर भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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