Women’s Day special: महिला दिवस के अवसर पर बॉलीवुड की तीन अभिनेत्रियाँ जिन्होंने ग्लैमर से हटकर निभाए सामान्य पात्र

Women’s Day special: आज महिला दिवस के अवसर पर, हम उन महिलाओं के योगदान को याद करते हैं जिन्होंने समाज, संस्कृति, और हर क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आज महिलाओं की भागीदारी समाज के हर पहलू में तेजी से बढ़ रही है और यह एक सुखद संकेत है। फिल्म इंडस्ट्री की बात करें तो, जहां एक समय महिला अभिनेत्रियाँ सिर्फ ग्लैमर और रोमांटिक भूमिकाओं तक सीमित थीं, वहीं अब बॉलीवुड में महिलाएँ न केवल ग्लैमर की दुनिया से बाहर निकलकर अभिनय की नयी ऊँचाइयों को छू रही हैं, बल्कि वे अपनी भूमिकाओं के माध्यम से समाज को महत्वपूर्ण संदेश भी दे रही हैं।
आज हम आपको उन तीन बॉलीवुड अभिनेत्रियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने ग्लैमर से हटकर, आम महिलाओं की तरह अपनी भूमिकाएँ निभाईं और अपनी अदाकारी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन अभिनेत्रियों ने अपनी भूमिका के लिए अपने लुक्स में भी जबरदस्त बदलाव किए और एक नए रूप में सामने आईं।
1. ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan):
प्यारी और किचन-परफेक्ट ‘मिस वर्ल्ड’ ऐश्वर्या राय ने अभिनय की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। वे न केवल अपनी खूबसूरती के लिए, बल्कि अपनी अभिनय कला के लिए भी जानी जाती हैं। ऐश्वर्या ने अपनी फिल्म “सारभजीत” (2016) में एक ऐसी महिला का किरदार निभाया, जिसने अपने भाई के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। यह किरदार वास्तविक जीवन से प्रेरित था और ऐश्वर्या ने इस किरदार के लिए अपनी पूरी भूमिका में बदलाव किया। फिल्म में उनके लुक और अभिनय की बेहद सराहना की गई। ऐश्वर्या ने सारभजीत की बहन, दलजीत कौर का किरदार निभाया, जिन्होंने अपने भाई को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। यह एक भावनात्मक और प्रेरणादायक फिल्म थी जो महिला साहस, बलिदान और भाई के लिए गहरी श्रद्धा का प्रतीक बनी।
2. आलिया भट्ट (Alia Bhatt):
आलिया भट्ट ने अपनी 13 साल की फिल्मी करियर में कई यादगार और ग्लैमरस रोल किए हैं। लेकिन 2016 में आई फिल्म “उड़ता पंजाब” में उन्होंने जिस किरदार को निभाया, उसने उन्हें एक नयी पहचान दिलाई। इस फिल्म में आलिया ने एक पंजाब की गरीब लड़की का रोल निभाया जो ड्रग्स की लत में फंसी होती है। इस किरदार के लिए आलिया को अपने लुक्स में बड़ा बदलाव करना पड़ा। उन्होंने इस किरदार के लिए एक ऐसी महिला का रूप लिया जो समाज के सबसे निचले वर्ग से आती है, और उसकी कहानी ने हर किसी को झकझोर दिया। इस फिल्म के लिए आलिया की तारीफें हुईं, और यह फिल्म महिलाओं के संघर्ष, समाज में उनके स्थान और उनके अधिकारों के बारे में एक शक्तिशाली संदेश देती है।
3. दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone):
दीपिका पादुकोण, जो चार फिल्मफेयर अवार्ड्स विजेता हैं, ने हमेशा अपनी फिल्मों में महिलाओं के अधिकार और उनके सम्मान के लिए आवाज उठाई है। 2020 में आई फिल्म “छपाक” में दीपिका ने एक ऐसे महिला का किरदार निभाया जिसे चेहरे पर तेजाब फेंका गया था। यह फिल्म वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित थी, जिसमें दीपिका ने मालती का किरदार निभाया, जो एक तेजाब हमले की शिकार होती है। इस फिल्म के जरिए दीपिका ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उनके अधिकारों पर गहरी चर्चा की। इस फिल्म की निर्देशक मेघना गुलजार भी अपनी विशेष दिशा-निर्देशन के लिए सराही गईं। यह फिल्म एक दिल दहला देने वाली कहानी थी जो महिलाओं को अपनी सुरक्षा और अधिकारों के बारे में जागरूक करती है।
महिला दिवस और बॉलीवुड की बदलाव:
जैसा कि हम महिला दिवस के इस खास मौके पर बॉलीवुड अभिनेत्रियों की भूमिकाओं की बात कर रहे हैं, हमें यह समझना होगा कि फिल्म इंडस्ट्री में समय के साथ एक सकारात्मक बदलाव आया है। पहले, महिलाओं को केवल ग्लैमरस और रोमांटिक भूमिकाओं में ही देखा जाता था। लेकिन अब बॉलीवुड में महिलाएँ अपनी कहानियों को खुद लिखने लगी हैं। चाहे वह ऐश्वर्या राय का सारभजीत फिल्म में मां का संघर्ष हो, या आलिया भट्ट का “उड़ता पंजाब” में समाज में फंसी एक लड़की का दर्द हो, या दीपिका पादुकोण का “छपाक” में एक तेजाब हमले की शिकार लड़की का जुझारू संघर्ष हो – ये सभी भूमिकाएँ यह साबित करती हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपनी शक्तियों का पूरी तरह से प्रदर्शन कर सकती हैं।
आज की महिलाएँ न केवल ग्लैमरस भूमिकाओं में दिखती हैं, बल्कि वे हर प्रकार के किरदार को वास्तविकता के साथ जीती हैं। ये बदलाव दर्शाते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाएँ अब केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने के लिए भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
महिला दिवस के इस अवसर पर बॉलीवुड की इन तीन प्रमुख अभिनेत्रियों के योगदान को सराहना बेहद जरूरी है। उनकी भूमिकाएँ न केवल अभिनय के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे समाज को यह संदेश भी देती हैं कि महिलाएँ किसी भी रूप में दिख सकती हैं, चाहे वह साहसी हो, संघर्ष करती हो, या खुद को किसी मुश्किल स्थिति में पाती हो। इन अभिनेत्रियों ने न केवल फिल्मी दुनिया में, बल्कि समाज में भी महिलाओं के अस्तित्व और संघर्ष को उजागर किया है।
इसी तरह की प्रेरणादायक फिल्मों और भूमिकाओं के माध्यम से बॉलीवुड ने साबित किया है कि महिलाओं की भूमिका फिल्मों में अब सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि समाज के हर पहलू का हिस्सा बन गई है।