Imtiaz Ali: महाभारत से शुरू हुआ सफर और गीता से मिली दिशा, जानिए डायरेक्टर की अनसुनी कहानी

आज 16 जून को मशहूर फिल्म निर्देशक Imtiaz Ali अपना जन्मदिन मना रहे हैं। 1971 में जमशेदपुर में जन्मे इम्तियाज़ का सपना एक्टिंग करने का था लेकिन किस्मत उन्हें कैमरे के पीछे ले गई। उनके पिता सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे और मां एक घरेलू महिला। इम्तियाज़ आज बॉलीवुड में अपनी रूमानी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। ‘जब वी मेट’, ‘लव आजकल’, ‘हाईवे’ और ‘रॉकस्टार’ जैसी फिल्मों ने उन्हें एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया।
गीता ने बदली सोच
बहुत कम लोग जानते हैं कि इम्तियाज़ अली के जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता का बहुत गहरा असर है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने बचपन से ही हिंदू धार्मिक ग्रंथ पढ़े हैं। गीता की कुछ पंक्तियां उन्हें बार-बार पढ़नी पड़ीं लेकिन धीरे-धीरे वो इस ग्रंथ को समझने लगे। आज भी उनकी टेबल पर यह पुस्तक मौजूद रहती है। उनका मानना है कि इस किताब ने उन्हें जीवन के कई अहम पाठ सिखाए।
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टीवी से शुरू हुई निर्देशन की यात्रा
इम्तियाज़ ने निर्देशन की शुरुआत फिल्मों से नहीं बल्कि टीवी से की थी। उन्होंने ‘कुरुक्षेत्र’ और ‘महाभारत’ जैसे धारावाहिकों का निर्देशन किया। टीवी में अनुभव लेने के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। साल 2005 में ‘सोचा ना था’ से उन्होंने डायरेक्शन डेब्यू किया जो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली। लेकिन 2006 में ‘जब वी मेट’ की जबरदस्त सफलता ने उनके करियर की दिशा ही बदल दी।
फ्लॉप से हिट तक का रोमांच
‘जब वी मेट’ के बाद इम्तियाज़ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। ‘लव आजकल’, ‘हाईवे’ और ‘रॉकस्टार’ जैसी फिल्मों ने उन्हें एक संजीदा निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया। हाल ही में उन्होंने दिलजीत दोसांझ के साथ ‘अमर सिंह चमकीला’ बनाई जो ओटीटी पर काफी हिट रही। इस फिल्म ने उन्हें नए दर्शकों से जोड़ा और उनके निर्देशन को फिर से चर्चा में ला दिया।
अब फिर चमक बिखेरने को तैयार
अब इम्तियाज़ एक बार फिर दिलजीत दोसांझ के साथ वापसी कर रहे हैं। इस बार उनके साथ शारवरी वाघ, वेदांग रैना और नसीरुद्दीन शाह भी होंगे। फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि यह एक बड़ी प्रोजेक्ट होगी। दर्शकों को अब एक बार फिर इम्तियाज़ के अनोखे निर्देशन का इंतज़ार है।