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राज्यसभा में विदेश मंत्री S Jaishankar का बयान, अमेरिका से अवैध भारतीयों की वापसी, विपक्ष ने उठाए सवाल”

हाल ही में राज्यसभा में विदेश मंत्री S Jaishankar ने अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी पर सरकार का पक्ष रखा। विदेश मंत्री ने कहा कि अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया नई नहीं है और यह पहले भी कई बार हो चुका है। उन्होंने 2012 से अब तक अवैध प्रवासियों की वापसी के आंकड़े साझा किए और बताया कि इस दौरान उन्हें सैन्य विमानों के जरिए भेजा गया।

जयशंकर ने राज्यसभा में अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि भारत सरकार अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों की वापसी को लेकर अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रही है ताकि लौटने वालों को कोई अपमानजनक व्यवहार न झेलना पड़े। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करें यदि वे अवैध रूप से किसी दूसरे देश में रह रहे हों।

अवैध प्रवासियों की वापसी पर चर्चा

विदेश मंत्री ने राज्यसभा में यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजना कोई नई बात नहीं है, और यह पहले भी कई बार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 2012 से अब तक अवैध भारतीयों को सैन्य विमानों द्वारा वापस भेजा जा रहा है और इस दौरान किसी भी भारतीय को दुर्व्यवहार का सामना नहीं करना पड़ा है। जयशंकर ने यह भी बताया कि जिन भारतीयों को वापस भेजा गया है, उन्हें यात्रा के दौरान आराम से सुविधाएं दी गईं, और यात्रा के दौरान उन्हें टॉयलेट ब्रेक्स भी दिए गए।

अमेरिकी नीति और भारत की स्थिति

विदेश मंत्री ने अमेरिकी नीति के बारे में भी बात की और कहा कि यह नीति सिर्फ एक देश पर लागू नहीं होती है, बल्कि यह सभी देशों के लिए समान रूप से लागू होती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार बातचीत कर रही है कि अवैध प्रवासियों को किसी भी प्रकार की दुर्व्यवहार का सामना न करना पड़े।

विपक्ष का विरोध

वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने संसद भवन के परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इनमें से कुछ विपक्षी नेताओं ने हाथों में हथकड़ी पहनकर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का विरोध किया।

अमेरिकी सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों की वापसी

गौरतलब है कि बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। यह भारतीयों का पहला बैच था जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत वापस भेजा गया। इन अवैध प्रवासियों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उनके हाथों और पैरों में हथकड़ी लगी हुई थी और उन्हें केवल अमृतसर हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद ही यह खोलने की अनुमति दी गई।

विपक्षी नेताओं का आरोप

विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि अवैध प्रवासियों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है और यह भारतीय नागरिकों का अपमान है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ क्या कदम उठाए हैं ताकि भारतीय नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजा जा सके। इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से संवाद किया है और यदि हां, तो किस प्रकार की बातचीत की गई है।

सरकार का जवाब

इस मुद्दे पर सरकार ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया और कहा कि भारतीय नागरिकों को दुर्व्यवहार का सामना नहीं करना पड़ा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क में है और यह सुनिश्चित कर रही है कि लौटने वाले भारतीयों के साथ कोई भी अपमानजनक व्यवहार न हो।

अवैध प्रवासियों की वापसी का महत्व

अवैध प्रवासियों की वापसी एक संवेदनशील मुद्दा है, खासकर तब जब यह विदेशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा हो। भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन के बीच इस मुद्दे पर नियमित संवाद होता रहता है ताकि अवैध प्रवासियों की सुरक्षित वापसी हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना न करना पड़े।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी भारतीय नागरिक सम्मानजनक तरीके से और सुरक्षित रूप से अपने देश वापस लौटे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार किसी भी नागरिक को अपमानजनक स्थिति में नहीं देखना चाहती और इसका ख्याल रखा जाता है।

अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी पर उठे विवादों के बीच सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ है। विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है, लेकिन विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह कोई नई घटना नहीं है और भारत की स्थिति और नीति यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई भी अपमानजनक व्यवहार न हो।

इस मुद्दे पर आगामी दिनों में और चर्चा हो सकती है, लेकिन वर्तमान में सरकार की यह स्थिति है कि अवैध भारतीयों की वापसी एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें किसी प्रकार का अनावश्यक कष्ट नहीं हुआ है।

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