Earthquake: दिल्ली की सुबह में आया जोरदार झटका, झज्जर बना भूकंप का केंद्र – लोग बोले, सब कुछ हिलने लगा

Earthquake: दिल्ली और एनसीआर में बुधवार सुबह 9:04 बजे भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था। झटके इतने तेज थे कि घरों की दीवारें, पंखे और अन्य सामान हिलने लगे, जिससे लोग डर के मारे घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
कुछ देर के लिए रुकी मेट्रो, ऑफिसों में मची अफरा-तफरी
भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि दिल्ली मेट्रो की सेवाएं कुछ समय के लिए रोक दी गईं, हालांकि अब मेट्रो संचालन सामान्य हो चुका है। गुरुग्राम और नोएडा के दफ्तरों में बैठे लोग भी झटके महसूस कर घबरा गए। कई जगहों पर कंप्यूटर सिस्टम और टेबल हिलते नजर आए। कर्मचारियों ने तुरंत बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली।
मेरठ, बुलंदशहर और बागपत में भी महसूस हुए झटके
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी इस भूकंप का असर महसूस किया गया। मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और बड़ौत तक झटके महसूस हुए। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें पहले लगा कोई भारी वाहन पास से गुजर रहा है, लेकिन जब चीजें हिलने लगीं तो सब समझ गए कि ये भूकंप है। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन डर का माहौल जरूर है।
दिल्ली क्यों है भूकंप के लिए संवेदनशील?
दिल्ली Seismic Zone IV में आता है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। इसका मतलब है कि यहां भूकंप आने की संभावना और प्रभाव अधिक होता है। दिल्ली हिमालय के नज़दीक स्थित है, जो दो टेक्टोनिक प्लेट्स – भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव से बना है। इसलिए नेपाल या तिब्बत में आने वाले भूकंपों का असर भी सीधे तौर पर दिल्ली पर पड़ता है।
क्या बड़ा खतरा दे सकता है बड़ा भूकंप?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर दिल्ली में बड़ा भूकंप आता है, तो उसकी तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है। ऐसे में जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। इसीलिए बार-बार यह अपील की जाती है कि लोग भूकंप सुरक्षा के उपायों को समझें और पालन करें। खासतौर पर बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों को और भी सतर्क रहने की जरूरत है।