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WPL 2025: तीसरे अंपायर के विवादित फैसलों पर उठे सवाल, मिथाली राज और माइक हेसन ने दी तीखी प्रतिक्रिया

WPL 2025: महिला प्रीमियर लीग (WPL) के तीसरे सीजन का दूसरा मुकाबला विवादों में आ गया है। वडोदरा में खेले गए इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने मुंबई इंडियंस को आखिरी गेंद पर 2 रनों से हराया, लेकिन मैच में तीसरे अंपायर के कुछ फैसलों ने सभी को चौंका दिया। सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा दिल्ली कैपिटल्स की बल्लेबाज अरुंधति रेड्डी के रन आउट का फैसला, जिसे तीसरे अंपायर गायत्री वेणुगोपालन ने कई बार रिप्ले देखने के बाद भी नॉट आउट करार दिया।

आखिरी गेंद पर रन आउट विवाद: क्या हुआ था मैदान पर?

दिल्ली कैपिटल्स को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 2 रनों की जरूरत थी। अरुंधति रेड्डी ने गेंद को 30 गज के भीतर खेला और दूसरा रन पूरा करने की कोशिश की। इस दौरान मुंबई इंडियंस की विकेटकीपर ने थ्रो पकड़कर गिल्लियां गिरा दीं और रन आउट की अपील की गई। तीसरे अंपायर ने कई बार रिप्ले देखने के बाद फैसला दिया कि रेड्डी क्रीज में पहुंच गई थीं, जबकि रीप्ले में देखा जा सकता था कि जब गिल्लियां हटीं, तब उनका बल्ला क्रीज के बाहर था।

इस फैसले से मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर बेहद नाराज दिखीं। वहीं, इस फैसले पर कमेंट्री कर रही पूर्व भारतीय कप्तान मिथाली राज, पूर्व आरसीबी कोच माइक हेसन और क्रिकेट विश्लेषक लिसा स्थालकर ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।

तीसरे अंपायर के तीन फैसलों पर विवाद

इस मैच में तीसरे अंपायर के सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन फैसले विवादों में घिरे।

  1. अरुंधति रेड्डी का रन आउट: जैसा कि ऊपर बताया गया, जब गिल्लियां गिरीं, तब रेड्डी का बल्ला क्रीज के बाहर था।
  2. शिखा पांडे का रन आउट: जब शिखा पांडे का रन आउट हुआ, तब उनका बल्ला लाइन पर था। क्रिकेट के नियमों के अनुसार, अगर बल्ला लाइन पर हो, तो बल्लेबाज को आउट माना जाता है, लेकिन अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया।
  3. राधा यादव का रन आउट: राधा यादव का बल्ला हवा में था जब स्टंप्स की गिल्लियां गिरीं। नियमों के मुताबिक, बल्ला या पैर जमीन से संपर्क में नहीं है तो बल्लेबाज आउट होते हैं, लेकिन अंपायर ने इसे भी नॉट आउट कर दिया।

मिथाली राज ने तीसरे अंपायर के फैसलों पर उठाए सवाल

मिथाली राज, जो इस मैच में कमेंट्री कर रही थीं, ने मैच के बाद कहा, “शिखा पांडे का बल्ला क्रीज की लाइन पर था और उन्हें नॉट आउट दिया गया, जबकि राधा यादव के बल्ले का कोई हिस्सा जमीन से नहीं लग रहा था और फिर भी उन्हें नॉट आउट कर दिया गया। यह पूरी तरह से गलत फैसला था। जब गिल्लियां गिरती हैं और बल्लेबाज क्रीज में नहीं होता, तो वह आउट होता है।”

मिथाली ने यह भी कहा कि इन फैसलों ने मैच के परिणाम को प्रभावित किया और यह लीग की विश्वसनीयता के लिए सही नहीं है।

माइक हेसन का बयान: ‘अंपायरों को नियमों की समझ नहीं?’

आरसीबी के पूर्व मुख्य कोच माइक हेसन ने भी इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मुझे नहीं समझ आ रहा कि आज अंपायरों ने यह कैसे तय कर लिया कि जिंगर बेल्स (एलईडी गिल्लियां) काम नहीं कर रही हैं? जब गिल्लियां जलती हैं, तो इसका मतलब होता है कि संपर्क टूट गया और बल्लेबाज आउट होता है। आज के आखिरी 10 मिनट में जितना भ्रम देखा गया, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।”

हरमनप्रीत कौर ने जताई नाराजगी

मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर, जो इस फैसले से काफी निराश थीं, ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा, “हमें पता है कि तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन अगर रिप्ले साफ तौर पर दिखा रहा है कि बल्लेबाज आउट है, तो फिर ऐसे फैसले क्यों दिए जा रहे हैं? यह सिर्फ हमारी टीम के लिए नहीं, बल्कि पूरे टूर्नामेंट के लिए गलत संकेत है।”

क्या WPL में अंपायरिंग को लेकर बदलाव होंगे?

इस मैच के बाद क्रिकेट जगत में महिला प्रीमियर लीग में अंपायरिंग की गुणवत्ता को लेकर बहस छिड़ गई है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि DRS और तकनीक के बेहतर उपयोग की जरूरत है, ताकि इस तरह के गलत फैसले न हों।

WPL एक बड़ा टूर्नामेंट बन चुका है और अगर अंपायरिंग के स्तर में सुधार नहीं हुआ, तो यह लीग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सकता है।

महिला प्रीमियर लीग 2025 का यह दूसरा मुकाबला सिर्फ दिल्ली कैपिटल्स की जीत के लिए नहीं, बल्कि तीसरे अंपायर के फैसलों की वजह से भी याद रखा जाएगा। मिथाली राज, माइक हेसन और हरमनप्रीत कौर जैसे दिग्गजों की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि अंपायरिंग के स्तर को सुधारने की सख्त जरूरत है। अब देखना होगा कि इस मामले में लीग आयोजक और BCCI क्या कदम उठाते हैं।

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