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Stock market में मंगलवार को गिरावट, सेंसक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट

आज मंगलवार को Stock market में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसक्स 72,817 के स्तर पर खुला, जो कि इसके पिछले बंद के मुकाबले 268 अंक कम था। शुरुआती कारोबार में भी बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिला। सेंसक्स 72,665 पर 0.55 प्रतिशत या 411 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। इस दौरान सेंसक्स के 30 में से 27 शेयर लाल निशान में थे, जबकि 3 शेयर हरे निशान में थे।

साथ ही, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी गिरावट के साथ कारोबार करता हुआ नजर आया। निफ्टी 21,974 पर 0.65 प्रतिशत या 144 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। निफ्टी के 50 में से 48 शेयर लाल निशान में थे और सिर्फ 2 शेयर हरे निशान में थे। निफ्टी में सबसे बड़ी गिरावट HCL टेक (2.60%), टेक महिंद्रा (2.50%), ONGC (2.43%), नेस्ले इंडिया (2.03%) और विप्रो (1.89%) में देखने को मिली। वहीं, सबसे बड़े लाभकारी शेयरों में एसबीआई (1.63%), BEL (0.95%), ICICI बैंक (0.64%), HDFC बैंक (0.34%) और अदानी एंटरप्राइजेज (0.13%) शामिल थे।

सेंसक्स और निफ्टी में गिरावट के कारण

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वैश्विक बाजारों में कमजोरी, घरेलू आर्थिक आंकड़े, और प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणामों पर बाजार की प्रतिक्रिया शामिल हैं। निवेशकों को डर है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ और घरेलू चिंताएँ भारतीय बाजार पर दबाव बना सकती हैं। अमेरिकी बाजारों में भी पिछले कुछ दिनों से गिरावट का रुझान रहा है, जिससे एशियाई बाजारों में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा, भारतीय बाजार में भी कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों के तिमाही परिणामों में कमजोरी दिखी है, जो निवेशकों के विश्वास को प्रभावित कर सकती है।

Stock market में मंगलवार को गिरावट, सेंसक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट

सेक्टोरल इंडेक्स पर असर

सेक्टरवार प्रदर्शन की बात करें तो अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखी गई। निफ्टी IT 2.12 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ी गिरावट वाला सेक्टर रहा। IT सेक्टर की गिरावट का मुख्य कारण प्रमुख IT कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन की आशंका थी, जिससे निवेशकों ने इस क्षेत्र से पैसा निकालने का फैसला किया। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो में 1.06 प्रतिशत, निफ्टी FMCG में 0.82 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया में 0.61 प्रतिशत, निफ्टी मेटल में 0.73 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा में 0.81 प्रतिशत, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.15 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी में 0.99 प्रतिशत, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 0.86 प्रतिशत, निफ्टी कंज्यूमर ड्युरेबल्स में 0.72 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।

इसके अलावा, कुछ सेक्टरों में मामूली तेजी देखने को मिली। निफ्टी PSU बैंक 0.13 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.07 प्रतिशत और निफ्टी बैंक 0.04 प्रतिशत के मामूली उछाल के साथ ट्रेड कर रहे थे। इन सेक्टरों में निवेशकों की उम्मीदें ज्यादा बेहतर रहीं, जिससे इन क्षेत्रों में सकारात्मक रुझान देखा गया।

मुख्य कारण

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:

  1. वैश्विक अस्थिरता: अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में गिरावट, चीन के आर्थिक आंकड़ों में गिरावट और वैश्विक व्यापार तनाव भारतीय बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं।
  2. नकारात्मक तिमाही परिणाम: कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम कमजोर होने से निवेशकों का विश्वास डगमगा सकता है। इसके कारण निवेशक शेयरों से बाहर निकलने का निर्णय ले सकते हैं।
  3. विदेशी निवेशकों की निकासी: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अगर भारतीय बाजार से अपनी पूंजी निकालते हैं, तो इससे भी गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले कुछ समय से FIIs ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला है, जो गिरावट का एक कारण हो सकता है।
  4. आर्थिक आंकड़े: भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास दर में गिरावट की चिंता निवेशकों को सताने लगी है। यदि देश के आर्थिक आंकड़े कमजोर रहते हैं, तो इसका असर बाजार पर पड़ेगा।

निवेशकों के लिए सुझाव

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद, निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं और यह दीर्घकालिक निवेश के लिए अवसर भी प्रदान कर सकता है। निवेशकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, दीर्घकालिक निवेश रणनीतियां बेहतर परिणाम दे सकती हैं। इससे निवेशक बाजार की अस्थिरता से अधिक प्रभावित नहीं होते हैं।
  2. सेक्टर विशेष में निवेश करें: जो सेक्टर मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं, उन क्षेत्रों में निवेश करना समझदारी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, PSU बैंक, वित्तीय सेवाएं और कुछ अन्य सेक्टरों में स्थिरता देखी जा रही है।
  3. विविधता का ध्यान रखें: निवेशक अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाकर जोखिम को कम कर सकते हैं। विभिन्न सेक्टर्स और एसेट क्लासेज में निवेश करना एक सुरक्षित रणनीति हो सकती है।
  4. नौकरी के परिणामों का पालन करें: निवेशकों को कंपनी के तिमाही परिणामों का बारीकी से विश्लेषण करना चाहिए। अच्छे परिणाम और मजबूत बुनियादी बातों वाले शेयरों में निवेश करना लाभकारी हो सकता है।

आज के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है, लेकिन यह एक अस्थायी स्थिति हो सकती है। निवेशकों को समय के साथ बाजार में होने वाली घटनाओं का विश्लेषण करना चाहिए और अपनी निवेश रणनीतियों को उसके अनुसार समायोजित करना चाहिए। वैश्विक अस्थिरता और घरेलू चिंता के बावजूद, दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने वाले निवेशकों को अच्छे अवसर मिल सकते हैं।

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