टेक्नॉलॉजी

Starlink का सैटेलाइट इंटरनेट सेवा जल्द भारत में शुरू हो सकता है, टेलीकॉम विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन्स

एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक (Starlink) जल्द ही भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। कंपनी को भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए सरकार से मंजूरी का इंतजार है। इस बीच, भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटर, TRAI (Telecom Regulatory Authority of India), द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद कंपनियां भारत में अपनी सेवा शुरू कर सकेंगी। स्टारलिंक के अलावा, वनवेब (OneWeb), जियो (Jio), और अमेज़न का क्यूपर (Amazon Kuiper) जैसी कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हैं, जो भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने की योजना बना रही हैं।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने से पहले, दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications – DoT) ने सैटेलाइट उपकरणों से संबंधित कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। ये नियम 1 अगस्त से लागू हो सकते हैं, और इसके तहत सभी कंपनियों को सैटेलाइट सेवा शुरू करने के लिए उपकरणों की जांच और प्रमाणन करवाना अनिवार्य होगा।

DoT की नई गाइडलाइन्स और उपकरणों का परीक्षण

दूरसंचार विभाग (DoT) ने 25 फरवरी को एक आदेश जारी किया था, जिसमें 14 प्रकार के टेलीकॉम उपकरणों के लिए मानक और मापदंडों को तय किया गया था, जिनमें नॉन-गियोस्टेशनरी ऑर्बिट (NGSO) सैटेलाइट उपकरण, इंटीग्रेटेड गेटवे और उपयोगकर्ता टर्मिनल शामिल हैं। यह आदेश 180 दिनों के भीतर लागू हो जाएगा, यानी अगस्त 2023 से ये नियम प्रभावी हो जाएंगे।

Starlink का सैटेलाइट इंटरनेट सेवा जल्द भारत में शुरू हो सकता है, टेलीकॉम विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन्स

नई गाइडलाइन्स के अनुसार, जो भी कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करना चाहेंगी, उन्हें अपने उपकरणों की जांच और प्रमाणन भारतीय मानकों के अनुसार करवाना होगा। इसके अलावा, केवल प्रमाणित उपकरणों को भारत में आयात करने की अनुमति होगी। इसका मतलब है कि कंपनियां भारत में बिना सही परीक्षण और प्रमाणन के सैटेलाइट उपकरणों का आयात, वितरण या बिक्री नहीं कर सकेंगी।

इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी टेलीकॉम उपकरण और सैटेलाइट सेवाएं न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर भी खरा उतरें, ताकि नेटवर्क का संचालन और विस्तार बिना किसी समस्या के किया जा सके।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का भविष्य

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का महत्व दिनों दिन बढ़ रहा है, खासकर उन दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करना कठिन होता है। इस सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के जरिए, यूज़र्स को तेज और विश्वसनीय इंटरनेट सेवा प्राप्त हो सकेगी, जो किसी भी स्थान पर उपलब्ध होगी। स्टारलिंक जैसे वैश्विक सेवा प्रदाता के भारत में प्रवेश से देश में डिजिटल कनेक्टिविटी में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।

Starlink का भारत में सेवा शुरू करने की योजना

एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी ने अपनी सेवा को भारत में लॉन्च करने के लिए सभी आवश्यक नियमों और प्रमाणन प्रक्रियाओं को पूरा करने का वादा किया है। जैसे ही भारत सरकार से स्पेक्ट्रम आवंटन और सभी जरूरी प्रमाणन पूरा हो जाएगा, स्टारलिंक भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए तैयार होगा।

स्टारलिंक के भारत में अपनी सेवा शुरू करने से पहले, कंपनी ने इस बात का ध्यान रखा है कि उसके उपकरण भारतीय मानकों के अनुरूप हों। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपयोगकर्ता को उच्च गुणवत्ता वाली सेवा मिले, और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा सुरक्षा मानकों का भी पालन किया जा सके।

अन्य कंपनियों की भारत में एंट्री

स्टारलिंक के अलावा, अन्य कंपनियां जैसे वनवेब, जियो, और अमेज़न का क्यूपर भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लाने की तैयारी कर रही हैं। ये कंपनियां भी भारत सरकार के नियमों और प्रमाणन प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वनवेब, जो पहले से ही भारत में कुछ हिस्सों में परीक्षण कर चुका है, का लक्ष्य है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करे। वहीं, जियो और अमेज़न का क्यूपर भी भविष्य में भारतीय बाजार में कदम रखने की योजना बना रहे हैं, जिससे बाजार में प्रतियोगिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।

क्या है सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का महत्व?

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। खासकर, गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां पारंपरिक नेटवर्क पहुंच पाना मुश्किल होता है, सैटेलाइट इंटरनेट एक सशक्त समाधान साबित हो सकता है।

सैटेलाइट इंटरनेट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह किसी भी भौगोलिक स्थान पर उपलब्ध हो सकता है, क्योंकि सैटेलाइट के जरिए सेवा प्रदान की जाती है। यह सेवा खासकर उन स्थानों पर फायदेमंद होगी, जहां केबल और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क का विस्तार नहीं किया जा सकता।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का आगमन न केवल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करेगा, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। स्टारलिंक सहित अन्य कंपनियों के इस क्षेत्र में प्रवेश से भारतीय उपभोक्ताओं को बेहतर और तेज इंटरनेट सेवा प्राप्त होगी।

हालांकि, इसके लिए सभी कंपनियों को सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स और प्रमाणन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इसके बाद ही सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का लाभ भारतीय यूज़र्स को मिल सकेगा।

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