Starlink का भारत में लॉन्च क़रीब? TRAI ने दी हरी झंडी, लेकिन स्पेक्ट्रम प्राइसिंग अभी तय नहीं हुई

भारत में एलोन मस्क की कंपनी Starlink की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है। उपयोगकर्ताओं को इस सेवा का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन अब तक सेवा शुरू नहीं हो पाई है। हाल ही में, दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरूआत को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, TRAI ने कहा कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम से जुड़ी कोई भी सिफारिश लंबित नहीं है, जिसका मतलब है कि TRAI ने सैटेलाइट सेवा के लिए हरी झंडी दे दी है।
स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण को लेकर लंबित सिफारिशें
हालांकि, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण से संबंधित सिफारिशें अभी अंतिम रूप नहीं ली गई हैं। उनके अनुसार, केवल तब ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का शुभारंभ किया जा सकता है। उन्होंने यह बयान इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में दिया, जो एशिया का सबसे बड़ा तकनीकी कार्यक्रम है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सेवा की शुरूआत में देरी का कारण सेवा प्रदाताओं और स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण से जुड़ी लंबित प्रक्रियाएँ हैं।
TRAI की महत्वपूर्ण सिफारिशें और स्पेक्ट्रम आवंटन
TRAI ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर दूरसंचार विभाग (DoT) को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर समस्याएं सेवा शुरू होने में बाधा बन रही थीं। इसके पहले, सेवा प्रदाताओं और DoT के बीच कई बार व्यापक चर्चाएं हो चुकी हैं। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने सैटेलाइट सेवा के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन 5G के समान करने की मांग की थी, जबकि DoT प्रशासनिक तरीके से स्पेक्ट्रम आवंटन को प्राथमिकता देता है। मई 2025 में, TRAI ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए विस्तृत सिफारिशें DoT को दी थीं और इस दौरान स्टारलिंक को भी भारत में सेवा शुरू करने की अनुमति मिल गई थी।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की प्रतियोगिता
Starlink के अलावा, एयरटेल की वनवेब, जियो और अमेज़न भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की दौड़ में हैं। दूरसंचार मंत्री ने IMC 2025 में कहा कि सेवा शुरू होने में देरी मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण कारणों से है – सेवा प्रदाताओं की रोलआउट योजनाओं से जुड़ी सिफारिशें और स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण। मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता अपनी रणनीतियों को कितनी जल्दी लागू करते हैं, यह भी शुरूआत की समय सीमा को प्रभावित करेगा। TRAI इन प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के बाद ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा को हरी झंडी दिखा सकता है।