टेक्नॉलॉजी

चीन ने लगाए रियर अर्थ मिनरल्स पर बैन, US-चाइना ट्रेड वॉर से वैश्विक टेक इंडस्ट्री में संकट

चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर का वैश्विक तकनीकी उद्योग पर गंभीर असर पड़ सकता है। चीन ने नई नियमावली जारी की है जिसके तहत विदेशी कंपनियों को किसी भी सामग्री में चीनी दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (rare earth minerals) के निर्यात के लिए अनुमति लेनी होगी। ये दुर्लभ तत्व कंप्यूटर चिप्स, सैन्य उपकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में उपयोग किए जाते हैं। इस नए नियम से वैश्विक सप्लाई चेन पर गंभीर असर पड़ेगा।

दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का निर्यात प्रतिबंध

चीन ने इन दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के निर्यात पर रोक लगाई है और अमेरिका ने चीनी सॉफ़्टवेयर पर अतिरिक्त शुल्क और प्रतिबंध लगाए हैं। इस कदम से दुनिया भर की कंपनियों को सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में रुकावट का सामना करना पड़ेगा। चीन का यह कदम मुख्य रूप से अमेरिका को निशाना बनाने के लिए किया गया है। इस प्रतिबंध के कारण अमेरिका और अन्य देशों में चिप निर्माण और तकनीकी उत्पादों की आपूर्ति प्रभावित होगी।

चीन ने लगाए रियर अर्थ मिनरल्स पर बैन, US-चाइना ट्रेड वॉर से वैश्विक टेक इंडस्ट्री में संकट

तकनीकी उद्योग पर खतरनाक असर

चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर केवल सप्लाई चेन तक सीमित नहीं है। इससे सेमीकंडक्टर उद्योग और AI क्षेत्र में भी विकास पर असर पड़ेगा। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। यह प्रतिबंध सभी प्रकार के महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर के निर्यात को रोकने के उद्देश्य से लगाया गया है। तकनीकी कंपनियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

सेमीकंडक्टर आपूर्ति में देरी

चीन के इस प्रतिबंध के चलते दुनिया की सबसे उन्नत सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी ASML Holding NV के शिपमेंट कई हफ्तों तक लेट हो सकते हैं। इसके अलावा अन्य चिप बनाने वाली कंपनियों के शिपमेंट पर भी असर पड़ेगा। यह पूरी तकनीकी उद्योग के लिए बड़ा झटका है। कंप्यूटर चिप्स और AI प्रोजेक्ट्स के निर्माण में देरी होने की संभावना बढ़ गई है।

वैश्विक तकनीकी बाजार की अनिश्चितता

चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर ने वैश्विक तकनीकी बाजार में अस्थिरता पैदा कर दी है। कंपनियां सप्लाई चेन बाधाओं और उत्पादन में देरी को ध्यान में रखते हुए नए रणनीतियाँ बना रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह विवाद लंबे समय तक जारी रहा, तो वैश्विक तकनीकी उद्योग को गंभीर आर्थिक और नवाचार संबंधी नुकसान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button