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Share Market Crash Today: भारत-UK फ्री ट्रेड डील से पहले शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट क्यों?

Share Market Crash Today: आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया है। भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील के अंतिम रूप से पहले बाजार में यह गिरावट आई है। गुरुवार सुबह निफ्टी के एक्सपायरी डे पर सुबह 9:45 बजे निफ्टी 50 इंडेक्स 26 अंकों की गिरावट के साथ 25,193 पर कारोबार कर रहा था। वहीं दोपहर 12 बजे के आसपास निफ्टी में गिरावट बढ़कर 150.80 अंक या 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,069.10 पर पहुंच गई। बीएसई सेंसेक्स की बात करें तो सुबह 9:45 बजे सेंसेक्स 146 अंक गिरकर 82,580 पर था और दोपहर 12 बजे के आसपास यह 526.06 अंकों की गिरावट के साथ 82,200.58 पर कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।

किन शेयरों में आई सबसे ज्यादा गिरावट

आज के कारोबार में खासकर आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, टीसीएस, कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कई बड़े शेयरों में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स कंपनियों में ट्रेंट, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और एक्सिस बैंक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। ट्रेंट के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई और इसके शेयर 3 प्रतिशत से ज्यादा टूट गए। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली। इसके साथ ही निवेशकों ने इंफोसिस, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईईएक्स, कोफोर्ज और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयरों पर ध्यान केंद्रित रखा क्योंकि इनके जून तिमाही के नतीजे आने वाले थे।

Share Market Crash Today: भारत-UK फ्री ट्रेड डील से पहले शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट क्यों?

गिरावट के पीछे की वजहें

इस गिरावट के पीछे कई अहम कारण नजर आए। सबसे पहले, आईटी सेक्टर के कमजोर तिमाही नतीजों के बाद आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई। इंफोसिस लिमिटेड की बात करें तो इस बार का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत बढ़कर 6,921 करोड़ रुपये रहा, लेकिन तिमाही आधार पर 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा, अनुमान से कम राजस्व आने की वजह से निवेशकों की भावनाओं पर भी असर पड़ा। इसके साथ ही, भारी वेटेज वाले शेयर जैसे ट्रेंट, महिंद्रा, इंफोसिस, टाटा की बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाया। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेडरल रिजर्व दौरे से पहले वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई, जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा। ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसे 1 अगस्त से लागू किया जाएगा। इसके जवाब में यूरोपीय यूनियन ने भी 21 बिलियन यूरो के अमेरिकी सामानों पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। इस वैश्विक व्यापार तनाव ने भी भारतीय बाजार में गिरावट को बढ़ावा दिया।

एफआईआई की बिकवाली ने भी बढ़ाई गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली भी एक बड़ा कारण रही। बुधवार को विदेशी निवेशकों ने 4,209.11 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जिससे बड़े कैप के शेयरों पर विशेष दबाव पड़ा। इस वजह से निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा और बाजार में बिकवाली का माहौल बना। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर भी निवेशक चिंतित हैं। हालांकि, जापान के साथ हुए समझौते के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का फोकस अब यूरोपीय यूनियन पर है। ऐसे में निवेशक किसी भी बड़ी घोषणा और वैश्विक बाजार की चाल का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी हुई है और निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश की सलाह दी जा रही है ताकि संभावित नुकसान से बचा जा सके।

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