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SEBI ने करवी कैपिटल का पंजीकरण रद्द किया, छह महीने में हिस्सेदारी बेचने का आदेश

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने करवी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Karvy Capital Alternative Investment Trust) और केकैप अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (KCAP Alternative Investment Fund) का पंजीकरण रद्द कर दिया है। SEBI ने अपने आदेश में कहा कि इंटरमीडियरी नियमों के तहत करवी कैपिटल और KCAP को जारी किए गए पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) और उसकी सहयोगी फर्म पर बाजार में नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है।

 2023 में करवी पर SEBI ने की थी कार्रवाई

SEBI ने अप्रैल 2023 में करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) और उसकी सहयोगी फर्म को प्रतिभूति बाजार (Securities Market) में कारोबार करने से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद मई 2023 में SEBI ने करवी की ब्रोकरेज लाइसेंस भी रद्द कर दी थी। SEBI के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) की करवी कैपिटल में लगभग 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

विनिवेश नहीं होने पर SEBI ने लिया एक्शन

SEBI के आदेश के अनुसार, KSBL को अपनी पात्रता खत्म होने के बाद छह महीने के भीतर करवी कैपिटल लिमिटेड (KCL) में अपनी हिस्सेदारी बेचनी थी। लेकिन तय समय सीमा में कंपनी की ओर से विनिवेश (Disinvestment) नहीं किया गया। SEBI ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए करवी कैपिटल के खिलाफ नियामक कार्रवाई की।

20% से अधिक हिस्सेदारी पर नियम सख्त

SEBI के इंटरमीडियरी नियमों के अनुसार, किसी भी अनलिस्टेड इकाई में 20 प्रतिशत या उससे अधिक वोटिंग अधिकार रखने वाले व्यक्ति को ‘Fit and Proper Person’ मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है। यदि वे इन मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें अपने वोटिंग अधिकारों का उपयोग नहीं करना चाहिए और छह महीने के भीतर अपनी हिस्सेदारी बेचनी होती है।

SEBI ने करवी कैपिटल का पंजीकरण रद्द किया, छह महीने में हिस्सेदारी बेचने का आदेश

‘Fit and Proper Person’ मानदंड का पालन अनिवार्य

SEBI के अनुसार, करवी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Karvy Capital Alternative Investment Trust) और केकैप अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (KCAP Alternative Investment Fund) को ‘Fit and Proper Person’ मानदंडों को लगातार बनाए रखना आवश्यक था। लेकिन, करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड द्वारा हिस्सेदारी नहीं बेचने के चलते इन दोनों संस्थाओं का पंजीकरण रद्द कर दिया गया।

SEBI के आदेश का असर

SEBI की इस कार्रवाई से करवी कैपिटल और KCAP अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड का कारोबार प्रभावित होगा। पंजीकरण रद्द होने के बाद ये संस्थाएं अब वायदा बाजार या अन्य वित्तीय सेवाओं में कारोबार नहीं कर पाएंगी।

करवी विवाद की पृष्ठभूमि

करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) पर पहले भी कई अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कंपनी पर निवेशकों के शेयरों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप था। SEBI ने जांच में पाया था कि करवी ने ग्राहकों के डीमैट खातों से शेयर निकालकर उन्हें गिरवी रखा और इस पर लोन लिया। यह निवेशकों के हितों के खिलाफ था, जिसके चलते SEBI ने 2019 में ही करवी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।

SEBI की सख्त कार्रवाई

SEBI के नियमों के अनुसार, कोई भी ब्रोकर या वित्तीय संस्था जो ‘Fit and Proper Person’ मानदंडों को पूरा नहीं करता, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। करवी द्वारा अपनी हिस्सेदारी तय समय में नहीं बेचने और विनिवेश नियमों का पालन न करने के चलते SEBI ने इसका पंजीकरण रद्द कर दिया।

निवेशकों पर असर

SEBI के इस आदेश का सीधा असर करवी कैपिटल और KCAP में निवेश करने वाले निवेशकों पर पड़ेगा। पंजीकरण रद्द होने के बाद इन दोनों संस्थाओं के निवेशकों को अपनी राशि वापस लेने में दिक्कत हो सकती है। SEBI ने इस मामले में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि SEBI की यह कार्रवाई निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी थी। करवी जैसे संस्थानों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर SEBI ने यह संकेत दिया है कि नियमों का पालन न करने वाले ब्रोकर या वित्तीय संस्थानों के लिए बाजार में कोई जगह नहीं है।

SEBI ने करवी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और KCAP अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड का पंजीकरण रद्द कर दिया है। करवी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) द्वारा SEBI के नियमों का उल्लंघन करने और हिस्सेदारी नहीं बेचने के चलते यह कार्रवाई की गई। SEBI की सख्त कार्रवाई से वित्तीय बाजार में पारदर्शिता और निवेशकों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

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