Private Sector का पूंजी व्यय 25 प्रतिशत घटने का अनुमान, सरकारी सर्वेक्षण में हुआ खुलासा

वर्तमान वित्तीय वर्ष में Private Sector का पूंजी व्यय पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में करीब 25 प्रतिशत घटने का अनुमान है। यह अनुमान सरकारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष प्राइवेट कंपनियों का पूंजी व्यय 6.56 लाख करोड़ रुपये से घटकर 4.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
चार साल में 66.3 प्रतिशत बढ़ा पूंजी व्यय
सर्वे के परिणामों से पता चला है कि 2021-22 से 2024-25 तक कुल पूंजी व्यय में 66.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 3064 कंपनियों में से 2172 कंपनियों ने इस वर्ष के लिए अपने पूंजी व्यय के आंकड़े दिए हैं। हालांकि इस पर पूरी तरह से विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि कंपनियों ने अपने व्यय योजनाओं को लेकर सतर्कता दिखाई है।
पारंपरिक क्षेत्रों में पूंजी व्यय बढ़ा
सर्वे के अनुसार, जिन कंपनियों ने पूंजी व्यय किया, उनमें से 49.6 प्रतिशत ने इसे मुख्य रूप से आय उत्पन्न करने के लिए किया। इसके अलावा, सबसे अधिक पूंजी व्यय उन कंपनियों द्वारा किया गया जो मैन्युफैक्चरिंग या बिजली, गैस और एयर कंडीशनिंग जैसी सेवाओं में लगी थीं। इन क्षेत्रों ने निजी कॉर्पोरेट सेक्टर की कुल संपत्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा बढ़ाया है।
निजी क्षेत्र में औसत ग्रॉस फिक्स्ड एसेट्स में वृद्धि
निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र में औसत ग्रॉस फिक्स्ड एसेट्स (GFA) में लगातार वृद्धि देखी गई है। 2021-22 में यह राशि 3151.9 करोड़ रुपये थी जो 2023-24 में बढ़कर 4183.3 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान ‘बिजली, गैस, भाप और एयर कंडीशनिंग’ क्षेत्र में सबसे अधिक GFA देखा गया।
निवेश के लिए सतर्क दृष्टिकोण
सर्वे के परिणामों के अनुसार, निवेशक 2025-26 के लिए पूंजी व्यय के बारे में सतर्क दृष्टिकोण अपना रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुमान पूरी तरह से सही नहीं हो सकता और कंपनियों के पूंजी व्यय के फैसले उनके मौजूदा आर्थिक स्थिति और भविष्य की रणनीतियों पर निर्भर करेंगे।