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PM Modi ने Canadian FM Anita Anand का किया स्वागत, साझा विकास और समृद्धि के लिए बातचीत हुई महत्वपूर्ण

Canadian FM Anita Anand: कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद वर्तमान में भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि उनका यह दौरा भारत-कनाडा द्विपक्षीय साझेदारी को नई दिशा और गति देगा। प्रधानमंत्री ने इस बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर साझा कीं और लिखा, “कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद का स्वागत किया। व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और जन-जन संपर्क के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने और साझा विकास और समृद्धि पर चर्चा की।”

पीएमओ का बयान

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद का स्वागत किया और बताया कि उनका यह दौरा भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने में योगदान देगा। अनीता आनंद का यह भारत दौरा उनके विदेश मंत्री पद संभालने के बाद का पहला है। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि पीएम मोदी ने जून में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि उस समय उन्होंने प्रधानमंत्री मार्क कार्ने के साथ “बहुत ही फलदायक” बैठक की थी।

दोनों देशों के बीच सहयोग के मुद्दे

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, कृषि और जन-जन संपर्क के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के महत्व पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा कीं। यह दौरा ऐसे समय में किया गया है जब भारत और कनाडा के बीच संबंध 2023 में कुछ तनावपूर्ण हो गए थे, जब तब के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संभावित भूमिका के आरोप लगाए थे।

द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने का प्रयास

अनीता आनंद का यह दौरा भारत-कनाडा संबंधों को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस दौर में दोनों देशों ने व्यापार, तकनीकी सहयोग, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, जन-जन संपर्क बढ़ाने और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। यह दौरा दोनों देशों के बीच भरोसे और समझ को फिर से स्थापित करने का प्रयास माना जा रहा है, ताकि भविष्य में रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।

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