Nawazuddin Siddiqui: मुंबई की गलियों से फिल्मफेयर तक! कैसे बना एक वॉचमैन बॉलीवुड का स्टार?

Nawazuddin Siddiqui: हर खूबसूरत कहानी के पीछे एक संघर्ष भरा अतीत होता है और Nawazuddin Siddiqui की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। कभी वॉचमैन और केमिस्ट का काम करने वाले नवाजुद्दीन आज अपनी दमदार एक्टिंग से लाखों दिलों पर राज कर रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक मदद नहीं ली और खुद की मेहनत से अपनी पहचान बनाई।
बचपन से ही अभिनय का सपना
Nawazuddin Siddiqui का जन्म एक जमींदार परिवार में हुआ था लेकिन उन्हें अभिनय की दुनिया में नाम कमाना था। वडोदरा में केमिस्ट की नौकरी करते हुए उन्होंने पहली बार एक नाटक देखा और तभी से अभिनेता बनने का सपना देख लिया। बचपन में रामलीला देखने के दौरान भी उन्हें एक्टिंग का जुनून चढ़ा और उन्होंने इसे ही अपना लक्ष्य बना लिया।
मुंबई में संघर्ष की शुरुआत
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पढ़ाई पूरी करने के बाद Nawazuddin Siddiqui मुंबई आए लेकिन यहां की तेज़ रफ्तार जिंदगी में खुद को ढालने में उन्हें एक महीना लग गया। उन्होंने बताया कि वे इस शहर की स्पीड से काफी डर गए थे और लगा कि शायद वे इस रफ्तार का हिस्सा कभी नहीं बन पाएंगे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
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कर्ज लेकर किया गुजारा
Nawazuddin Siddiqui एक किसान परिवार से आते थे और अपने आठ भाई-बहनों के मेंटर भी थे। मुंबई में रहने के लिए उन्हें बार-बार दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़े। कभी वॉचमैन तो कभी धनिया बेचने जैसे छोटे-मोटे काम किए ताकि गुजारा हो सके। उन्होंने करीब 100 ऑडिशन दिए और हर छोटे-बड़े रोल को स्वीकार किया।
12 साल बाद मिली पहचान
Nawazuddin Siddiqui को सफलता आसानी से नहीं मिली बल्कि उन्होंने 12 साल तक संघर्ष किया। सरफरोश और मुन्नाभाई एमबीबीएस में उनके छोटे रोल किसी ने नोटिस नहीं किए लेकिन लंचबॉक्स के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने के बाद वे सुर्खियों में आए। तलाश और गैंग्स ऑफ वासेपुर से उनकी पहचान बनी और आज वे देश के बेहतरीन कलाकारों में गिने जाते हैं।