Momentum Investing: फैक्टर-बेस्ड मॉमेंटम स्ट्रैटेजी कैसे बना सकती है आपको अमीर, जानें आसान भाषा में

Momentum Investing: वेल्थ बनाने के लिए निवेशक कई तरह की रणनीतियों का उपयोग करते हैं, लेकिन फैक्टर-बेस्ड इन्वेस्टिंग आज के समय में सबसे प्रमुख मानी जाती है। जैसे कोई शेफ अलग-अलग सामग्री मिलाकर स्वादिष्ट भोजन बनाता है, वैसे ही निवेशक अलग-अलग फैक्टर का इस्तेमाल कर उन सिक्योरिटीज को चुनते हैं, जिनमें उच्च रिटर्न की संभावना होती है। इन्हीं फैक्टर में से एक है मोमेंटम, जो किसी चल रही ट्रेंड का लाभ उठाने की रणनीति पर आधारित है। मोमेंटम इन्वेस्टिंग का सिद्धांत सरल है – जो स्टॉक्स अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, वे आगे भी अच्छा कर सकते हैं, वहीं जो खराब प्रदर्शन कर रहे हैं, वे आगे भी खराब कर सकते हैं। यह रणनीति बाजार की सेंटिमेंट और बिहेवियरल फाइनेंस का लाभ उठाते हुए निवेशकों की धीमी प्रतिक्रिया का फायदा उठाती है।
क्या है मोमेंटम इन्वेस्टिंग और इसके प्रकार
मोमेंटम इन्वेस्टिंग को दो प्रकार में बांटा गया है:
- प्राइस मोमेंटम: इसमें उन स्टॉक्स को चिन्हित किया जाता है, जिनका प्राइस प्रदर्शन बेहतर होता जा रहा है। यह अक्सर मार्केट सेंटिमेंट और तकनीकी संकेतकों पर आधारित होता है, जिससे छोटे समय में तेजी पकड़ने वाले स्टॉक्स का चयन किया जाता है।
- अर्निंग्स मोमेंटम: इसमें उन कंपनियों पर फोकस किया जाता है, जिनकी अर्निंग्स एस्टिमेट में सुधार हो रहा है। यह मजबूत फंडामेंटल जैसे बढ़ते प्रॉफिट मार्जिन और बेहतर एफिशिएंसी को दर्शाता है। अर्निंग्स मोमेंटम प्राइस मोमेंटम की तुलना में अधिक टिकाऊ और स्थिर माना जाता है।
मोमेंटम इन्वेस्टिंग के माध्यम से निवेशक ट्रेंड्स को फॉलो कर सकते हैं और उन ट्रेंड्स में शामिल हो सकते हैं, जो संस्थागत खरीद और एनालिस्ट अपग्रेड से चलते हैं। यह रणनीति निवेशकों को जल्दबाजी में अच्छे स्टॉक्स को बेचने और खराब स्टॉक्स को लंबे समय तक पकड़े रखने जैसी गलतियों से भी बचाती है।

मोमेंटम इन्वेस्टिंग के फायदे और आवश्यक सावधानियां
मोमेंटम इन्वेस्टिंग के कई फायदे हैं। यह निवेशक को सकारात्मक ट्रेंड्स में शामिल करता है और बाजार की दिशा के अनुसार रणनीति बदलने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, अनिश्चितता के समय में यह क्वालिटी स्टॉक्स को प्राथमिकता दे सकता है, जबकि तेजी के समय ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश कर सकता है।
हालांकि, इसके साथ जोखिम भी जुड़े हैं। बाजार में ट्रेंड्स अचानक बदल सकते हैं, विशेष रूप से प्राइस मोमेंटम में। ऐसे में डायवर्सिफिकेशन, नियमित रिबैलेंसिंग और बाजार चक्रों की अच्छी समझ होना जरूरी है। मोमेंटम इन्वेस्टिंग अगर सोच-समझ कर और पूरी रिसर्च के साथ की जाए, तो यह पोर्टफोलियो में अच्छा रिटर्न जोड़ सकती है।
म्यूचुअल फंड्स के जरिए मोमेंटम इन्वेस्टिंग को समझना
ज्यादातर रिटेल निवेशकों के लिए मोमेंटम इन्वेस्टिंग स्टाइल अपनाना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए तकनीकी और फंडामेंटल एनालिसिस की आवश्यकता होती है। ऐसे में, प्रोफेशनली मैनेज्ड मोमेंटम-फोकस्ड म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के लिए सरल समाधान साबित हो सकते हैं।
ICICI प्रूडेंशियल एक्टिव मोमेंटम फंड, एक ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो अर्निंग्स और प्राइस मोमेंटम के आधार पर स्टॉक्स का चयन करती है। इसका न्यू फंड ऑफर (NFO) 8 जुलाई 2025 से 22 जुलाई 2025 तक उपलब्ध रहेगा।
ध्यान रहे कि मोमेंटम इन्वेस्टिंग करते समय सही समय पर एंट्री और एग्जिट, ट्रेंड की पहचान और पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। निवेशकों को किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए ताकि वे अपने जोखिम प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार सही रणनीति अपना सकें।
