GST 2.0 से बदल जाएगा बाजार का हाल, रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम, अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार

3-4 सितंबर को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़े बदलावों का ऐलान किया। जीएसटी सुधारों के तहत 12% और 28% टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गए हैं और अब केवल 5% और 18% की दरें लागू होंगी। रोज़मर्रा की ज़रूरतों वाली चीज़ों पर जीएसटी दरों में राहत दी गई है, जबकि कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% जीएसटी लगाने का निर्णय हुआ है। यह बदलाव 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। सरकार का मानना है कि इससे उपभोग में बढ़ोतरी होगी, अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों के असर को कम करने में मदद मिलेगी।
मजबूत होगी देश की आर्थिक नींव
हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनिज़ (इंडिया) के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा के मुताबिक यह कदम भारत की आर्थिक नींव को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों से जमीनी स्तर पर मांग को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने की क्षमता विकसित होगी। उनका मानना है कि यह सुधार न केवल उपभोक्ता स्तर पर बल्कि उत्पादन और वितरण, दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक असर डालेंगे।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि “अब हम इस लड़ाई में शामिल हो गए हैं… अधिक और तेज़ सुधार ही उपभोग और निवेश को बढ़ाने का सबसे सुरक्षित तरीका है।” उनका मानना है कि इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा और वैश्विक स्तर पर भारत की आवाज़ और बुलंद होगी।
सरल टैक्स दरों के कई फायदे
फिक्की अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल का कहना है कि टैक्स दरों को सरल बनाने से कई लाभ होंगे। उनके अनुसार यह न केवल विकास को प्रोत्साहित करेगा बल्कि महंगाई पर भी नियंत्रण लाने में मददगार साबित होगा। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि डेयरी उत्पाद, दवाइयाँ और घरेलू सामान जैसी ज़रूरी चीज़ों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
रिटेल और कंज़्यूमर सेक्टर के लिए भी यह समय बेहद अनुकूल माना जा रहा है। फ्लिपकार्ट ग्रुप के कॉर्पोरेट अफेयर्स हेड रजनीश कुमार ने कहा कि यह सुधार त्योहारों के मौसम में बाजार को और गति देंगे और विकसित भारत की ओर सभी को साथ लेकर चलेंगे। वहीं, मार्स रिग्ली इंडिया के जीएम अहमद अब्देल वहाब ने चॉकलेट समेत एफएमसीजी उत्पादों पर घटे जीएसटी का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उद्योग को नवाचार का अवसर मिलेगा और देशभर के रिटेलर्स को सहयोग मिलेगा।
विकास को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
मुथूट माइक्रोफिन की सीईओ सादफ सईद का कहना है कि हाल ही में रिज़र्व बैंक द्वारा 50 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर में की गई कटौती और अब यह जीएसटी सुधार मिलकर नीति दर को मजबूत करेंगे। उनके मुताबिक जैसे-जैसे ब्याज दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचेगा, वैसे-वैसे उपभोग स्वाभाविक रूप से बढ़ेगा, जिससे विकास को और गति मिलेगी।
स्पष्ट है कि जीएसटी 2.0 सुधार केवल टैक्स ढांचे को सरल नहीं बनाएंगे, बल्कि उद्योग और उपभोक्ता दोनों के लिए नए अवसर खोलेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि इन सुधारों से न केवल उपभोग बढ़े, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए तेज़ी से आगे बढ़े। यह कदम इस बात का संकेत है कि भारत अब बड़े सुधारों के जरिए ‘विकसित भारत’ की राह पर तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है।