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Digital India Bill: डिजिटल इंडिया बिल पर तेज़ी से काम, सोशल मीडिया पर बैन होंगे अश्लील वीडियो?

Digital India Bill: समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा माता-पिता पर की गई अश्लील टिप्पणी के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस विवाद के चलते कई जगहों पर एफआईआर दर्ज हुई और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि यूट्यूब और सोशल मीडिया पर फैल रहे अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने प्रस्तावित डिजिटल इंडिया बिल पर तेजी से काम शुरू कर दिया है।

सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री को रोकने के लिए केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया बिल लाने की तैयारी कर रही है। यह नया कानून मौजूदा आईटी एक्ट (IT Act) की जगह लेगा और यूट्यूबर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करेगा।

सरकार पिछले 15 महीनों से इस बिल पर काम कर रही है और अब इसमें विभिन्न सेक्टर्स के लिए अलग-अलग प्रावधान रखे जाएंगे। दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण से जुड़े विषयों पर इसमें अलग से कानून बनाए जाएंगे।

रणवीर अल्लाहबादिया के विवाद के बाद सरकार ने इस बिल को फिर से प्राथमिकता दी है। हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े नियमों को इससे अलग रखा गया है क्योंकि इसके लिए अलग रेगुलेशन की जरूरत होगी।

सरकार सुप्रीम कोर्ट को जल्द संतोषजनक जवाब देना चाहती है ताकि आईटी एक्ट की खामियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी जा सके।

भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ के पार

आईटी एक्ट 2000 अब काफी पुराना हो चुका है। जब इसे लागू किया गया था, तब देश में सिर्फ 60 लाख इंटरनेट यूजर्स थे। लेकिन अब यह आंकड़ा 90 करोड़ से अधिक हो चुका है।

इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ ही ऑनलाइन अपराध, साइबर धोखाधड़ी, अश्लीलता और डेटा सुरक्षा से जुड़े कई नए मुद्दे सामने आ चुके हैं। ऐसे में आईटी एक्ट को अपडेट करना बेहद जरूरी हो गया है।

क्या है डिजिटल इंडिया बिल?

डिजिटल इंडिया एक्ट (Digital India Act – DIA) एक प्रस्तावित कानून है, जो साल 2000 में बनाए गए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की जगह लेगा। यह कानून भारत के डिजिटल क्षेत्र को नियंत्रित करेगा और साइबर सुरक्षा, डिजिटल गवर्नेंस और ऑनलाइन सुरक्षा से जुड़े मामलों को हल करेगा।

डिजिटल इंडिया बिल की प्रमुख विशेषताएं

Digital India Bill: डिजिटल इंडिया बिल पर तेज़ी से काम, सोशल मीडिया पर बैन होंगे अश्लील वीडियो?

1. ऑनलाइन सुरक्षा (Online Safety)

  • यह कानून डिजिटल स्पेस में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
  • ऑनलाइन नुकसान, डि-प्लेटफॉर्मिंग, डॉक्सिंग (किसी की निजी जानकारी लीक करना) और सोशल मीडिया एल्गोरिदम से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देगा।

2. डेटा सुरक्षा (Data Protection)

  • यह कानून अन्य डेटा संरक्षण संबंधी कानूनों के साथ मिलकर काम करेगा।
  • डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट जैसे नियमों को लागू करने में मदद करेगा।

3. साइबर सुरक्षा (Cybersecurity)

  • यह कानून साइबर सुरक्षा चुनौतियों को दूर करेगा और डेटा लीक व साइबर हमलों से बचाव सुनिश्चित करेगा।

4. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी

  • यह बिल यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट की निगरानी करेगा।
  • किसी भी प्रकार के अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक लगाने के लिए कड़े प्रावधान लागू किए जाएंगे।

5. टेली कम्युनिकेशन और आईटी सेक्टर के लिए अलग प्रावधान

  • इस बिल में दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रसारण से जुड़े क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रावधान होंगे।
  • नए डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए कानून को लचीला बनाया जाएगा ताकि यह नए तकनीकी बदलावों के अनुसार खुद को ढाल सके।

डिजिटल इंडिया बिल से जुड़े संभावित विवाद और चुनौतियां

1. प्राइवेसी को लेकर चिंता (Privacy Concerns)

इस बिल के विरोधियों का मानना है कि इससे सरकार की निगरानी शक्तियां बहुत अधिक बढ़ जाएंगी, जिससे नागरिकों की निजता (Privacy) का उल्लंघन हो सकता है।

2. डेटा लोकलाइजेशन (Data Localization)

  • इस कानून में डेटा लोकलाइजेशन का प्रावधान हो सकता है, जिससे सभी कंपनियों को भारतीय नागरिकों के डेटा को भारत में ही स्टोर करना होगा।
  • इससे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं और वैश्विक डेटा व्यापार प्रभावित हो सकता है।

3. सोशल मीडिया फ्रीडम पर असर

  • इस कानून के लागू होने से सोशल मीडिया यूजर्स की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
  • सरकार के पास सोशल मीडिया कंटेंट को नियंत्रित करने की शक्ति होगी, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है।

4. छोटे क्रिएटर्स के लिए चुनौती

  • यूट्यूबर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नए नियमों का पालन करना कठिन हो सकता है।
  • सरकार द्वारा लागू किए गए नए रेगुलेशंस से छोटे क्रिएटर्स और स्टार्टअप्स प्रभावित हो सकते हैं।

डिजिटल इंडिया बिल पर आगे क्या?

सरकार इस बिल को जल्द ही संसद में पेश कर सकती है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है, इसलिए सरकार इस बिल को जल्द से जल्द तैयार कर रही है। अगर यह बिल लागू होता है, तो इससे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की निगरानी बढ़ जाएगी। साथ ही, साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण के नए नियम लागू होंगे। हालांकि, इसके कुछ प्रावधानों पर बहस और विरोध भी देखने को मिल सकता है, खासकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्राइवेसी को लेकर।

डिजिटल युग में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे साइबर अपराध, अश्लीलता और डेटा सुरक्षा से जुड़े कई नए खतरे सामने आए हैं। इसी को देखते हुए सरकार डिजिटल इंडिया बिल लाने की तैयारी कर रही है, जो पुराने आईटी एक्ट 2000 की जगह लेगा। इस कानून के तहत सोशल मीडिया कंटेंट की निगरानी, डेटा संरक्षण, साइबर सुरक्षा और डिजिटल गवर्नेंस जैसे विषयों पर सख्त प्रावधान होंगे।

हालांकि, इस बिल के लागू होने के बाद निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर विवाद भी हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस कानून को कितनी तेजी से लागू करती है और यह कितना प्रभावी साबित होता है।

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