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Delhi Blast Mystery: FSL को मिले 40 सुराग, क्या खुल जाएगी लाल किले धमाके की गुत्थी?

Delhi Blast Mystery: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण धमाके की जांच अब तेज हो गई है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने घटना स्थल से 40 से अधिक सैंपल इकट्ठा किए हैं। इनमें दो कारतूस (एक जिंदा कारतूस समेत) और दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटक पदार्थों के नमूने शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि एक विस्फोटक नमूना अमोनियम नाइट्रेट जैसा प्रतीत हो रहा है। यह वही विस्फोटक है, जिसकी 360 किलो मात्रा सोमवार को फरीदाबाद में बरामद की गई थी। इस मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुज़म्मिल ग़नी और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया है।

धमाके में 12 लोगों की मौत, जांच जारी

जांच अधिकारियों के मुताबिक, “दूसरा विस्फोटक नमूना अमोनियम नाइट्रेट से भी अधिक शक्तिशाली है।” हालांकि, इसका सटीक रासायनिक स्वरूप फॉरेंसिक जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। FSL की टीम ने मंगलवार और बुधवार को लगातार स्थल का निरीक्षण किया और साक्ष्य एकत्र किए। अब तक कुल 40 से अधिक सैंपल जब्त किए जा चुके हैं, जिनमें कारतूस, मिट्टी, धातु के टुकड़े, वाहन के हिस्से और जले हुए रासायनिक पदार्थ शामिल हैं।

सोमवार को शाम के समय लाल किला ट्रैफिक सिग्नल के पास एक कार में जोरदार धमाका हुआ था। यह विस्फोट एक धीमी गति से चल रहे वाहन में हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। वर्तमान में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोटक किस प्रकार का था और इसे किस तकनीक से सक्रिय किया गया। FSL ने इस मामले में विशेष जांच टीम (स्पेशल फॉरेंसिक टीम) गठित की है, जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, लैब की टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है ताकि जांच प्रक्रिया में कोई देरी न हो।

Delhi Blast Mystery: FSL को मिले 40 सुराग, क्या खुल जाएगी लाल किले धमाके की गुत्थी?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सक्रिय हुआ फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल

सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, धमाके के पीछे फरीदाबाद का टेरर मॉड्यूल सक्रिय था, जो हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सक्रिय हुआ था। सूत्रों ने बताया कि यह मॉड्यूल दिल्ली में सिलसिलेवार बम धमाकों (सीरियल ब्लास्ट) की तैयारी में था। जांच में सामने आया है कि धमाके में इस्तेमाल की गई ह्यूंदै i20 कार में 80 किलो विस्फोटक रखा गया था। हालांकि, कार में कोई डेटोनेटर या टाइमर डिवाइस नहीं मिला, जिससे यह संकेत मिलता है कि धमाका संभवतः जल्दबाज़ी में किया गया।

जांच एजेंसियों का कहना है कि इस मॉड्यूल का नेतृत्व डॉ. उमर कर रहा था। जब उसे अपने साथियों की गिरफ्तारी की सूचना मिली, तो उसने घबराहट में खुद ही विस्फोट कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उमर अपने “मास्टर्स” से आदेश की प्रतीक्षा कर रहा था, लेकिन दबाव में आने के कारण उसने बिना निर्देश के ही बम सक्रिय कर दिया।

फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुलेगा पूरा राज

FSL की प्रारंभिक जांच ने इस घटना की जटिलता और खतरनाक मंशा को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दूसरे नमूने में वाकई उच्च-ग्रेड विस्फोटक (जैसे RDX या PETN) पाया जाता है, तो यह घटना एक आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकती है। फिलहाल पुलिस और NIA दोनों एजेंसियां संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं। दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने फरीदाबाद और नोएडा में कई स्थानों पर छापेमारी की है।

अधिकारियों ने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि धमाके का मुख्य उद्देश्य और असली मास्टरमाइंड कौन था।
फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और लाल किला क्षेत्र में सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी को और सख्त किया गया है।
यह घटना न केवल राजधानी बल्कि पूरे देश के लिए सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी संकेत बनकर उभरी है।

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