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Jayalalitha की संपत्ति पर बड़ा फैसला, CBI कोर्ट का आदेश, तमिलनाडु सरकार को मिली जब्त संपत्ति

बेंगलुरु की एक विशेष सीबीआई अदालत ने Jayalalitha की संपत्ति को लेकर अहम फैसला सुनाया है। बुधवार को सीबीआई अदालत ने आदेश दिया कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की जब्त संपत्ति को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित किया जाए।

सोने की तलवार और स्वर्ण मुकुट भी मिले

बेंगलुरु अदालत के आदेश के एक दिन बाद, जब्त की गई संपत्ति को शुक्रवार को आधिकारिक रूप से राज्य सरकार को सौंप दिया गया। कर्नाटक के अधिकारियों द्वारा तमिलनाडु को सौंपे गए भव्य सामानों में सोने से बनी तलवार और एक स्वर्ण मुकुट भी शामिल हैं। इसके अलावा, एक सुनहरी पेटी भी मिली, जिस पर मोर की आकृति उकेरी गई है।

अब तक, जयललिता की जब्त संपत्ति का एक बड़ा खजाना कर्नाटक के अधिकारियों के पास था। इसमें 27 किलो 558 ग्राम सोने के आभूषण, 1,116 किलो चांदी और 1,526 एकड़ जमीन के दस्तावेज शामिल थे। इस खजाने को कर्नाटक विधानमंडल के कोषागार में सुरक्षित रखा गया था और इसे अदालत और सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा गया।

Jayalalitha की संपत्ति पर बड़ा फैसला, CBI कोर्ट का आदेश, तमिलनाडु सरकार को मिली जब्त संपत्ति

हाई कोर्ट ने खारिज की उत्तराधिकारियों की याचिका

गौरतलब है कि 13 जनवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता के भतीजे जे दीपक और भतीजी जे दीपा की याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने इस संपत्ति पर अपना कानूनी उत्तराधिकारी होने का दावा किया था।

जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था। हाई कोर्ट ने 2016 में संपत्ति जब्ती के फैसले को बरकरार रखा, हालांकि उनके निधन के बाद उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त हो गई थी। उनके उत्तराधिकारियों ने दलील दी थी कि जब उनके खिलाफ मामला खत्म हो गया, तो उनकी संपत्ति जब्त नहीं की जानी चाहिए।

हालांकि, हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के उस निर्णय को बरकरार रखा है, जिसमें अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। इसलिए, जयललिता की संपत्ति की जब्ती पूरी तरह वैध है।

तमिलनाडु सरकार को मिली बहुमूल्य संपत्ति

अब तमिलनाडु सरकार को इस संपत्ति के रूप में एक बड़ी विरासत प्राप्त हुई है। यह संपत्ति राज्य की जनता के हित में उपयोग की जा सकती है। सरकार ने संकेत दिया है कि इस संपत्ति का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि यह संपत्ति तमिलनाडु के लोगों के हित में आ सकती है। जयललिता की विरासत से जुड़े इस मामले पर आगे की कानूनी प्रक्रिया क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

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