Artificial Intelligence: नौकरियों पर मंडराया AI का खतरा, Walmart CEO बोले – कोई भी नौकरी अब पहले जैसी नहीं रहेगी!

Artificial Intelligence: पिछले कुछ महीनों में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों से कर्मचारियों की छंटनी की खबरें सामने आई हैं। अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस और इंटेल जैसी दिग्गज कंपनियों ने सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इन छंटनियों की बड़ी वजह के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस बीच, दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलमार्ट के सीईओ डग मैकमिलन ने भी चेतावनी दी है कि एआई आने वाले समय में कई नौकरियां खत्म कर देगा और पूरी कार्यप्रणाली को बदल देगा। उन्होंने कहा कि एआई निश्चित रूप से हर नौकरी को किसी न किसी तरह से प्रभावित करेगा।
उम्मीद से ज्यादा होगा बदलाव
अमेरिका के आर्कांसस राज्य के बेंटनविले में आयोजित एक वर्कफोर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान डग मैकमिलन ने साफ शब्दों में कहा, “भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम के हर पहलू को प्रभावित करेगा। यह बिल्कुल साफ है कि एआई लगभग हर नौकरी की जगह ले सकता है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसी नौकरी हो, जिसे एआई न बदल पाए।” उनका यह बयान दिखाता है कि आने वाले समय में श्रम बाजार में बदलाव हमारी सोच से कहीं अधिक बड़ा होने वाला है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड, जेपी मॉर्गन चेज़ और अमेज़न जैसी कंपनियों ने भी पहले ही चेतावनी दी है कि एआई का असर नौकरियों पर लगातार बढ़ रहा है।
छंटनी भी होगी, नए अवसर भी बनेंगे
वॉलमार्ट, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है और जिसके पास लगभग 2.1 मिलियन कर्मचारी हैं, ने कहा है कि अगले तीन सालों में उनकी वर्कफोर्स का आकार लगभग समान रहेगा। हालांकि, काम करने के तरीकों में बदलाव के कारण कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी। पहले से ही वेयरहाउस ऑटोमेशन, एआई चैटबॉट्स और बैक-स्टोर ऑटोमेशन की वजह से हजारों लोग नौकरी गंवा चुके हैं। वहीं, स्टॉकिंग और ग्राहक सेवा जैसी भूमिकाएं भी बदलने के कगार पर हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ नई नौकरियां भी पैदा होंगी। वॉलमार्ट ने हाल ही में “एजेंट बिल्डर” नाम की नई भूमिका शुरू की है, जिसमें कर्मचारियों को एआई टूल्स तैयार करने का काम दिया जा रहा है। साथ ही, होम डिलीवरी, बेकरी और ग्राहकों से सीधा जुड़ाव रखने वाले क्षेत्रों में और लोगों की भर्ती की संभावना जताई गई है। वॉलमार्ट की चीफ पीपल ऑफिसर डॉना मॉरिस का कहना है कि अभी नौकरियों का ढांचा पूरी तरह तय नहीं है।
दो साल में काम का स्वरूप पूरी तरह बदलेगा
ओपनएआई के मुख्य अर्थशास्त्री रॉनी चटर्जी का कहना है कि आने वाले 18 से 36 महीनों में एआई को तेजी से अपनाया जाएगा। उनका मानना है कि सभी कर्मचारियों को इसे अपनाना चाहिए, नई स्किल्स सीखनी चाहिए और जोखिमों को पीछे छोड़ना चाहिए। कई एआई कंपनियों के सीईओ का यह भी कहना है कि आने वाले दो वर्षों में लोग वही काम नहीं करेंगे, जो आज कर रहे हैं। यानी आने वाले कल का कार्यस्थल और नौकरी का स्वरूप आज से बिल्कुल अलग होगा। इसलिए फिलहाल इस बदलाव को समझकर आगे बढ़ना ही सबसे सही रास्ता है।