Zepto: कमाई कम, खतरा ज्यादा! Zepto डिलीवरी पार्टनर्स की दास्तान! विवाद में पारदर्शिता की मांग

Zepto: तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (टीजीपीडब्ल्यूयू) ने राज्य के श्रम विभाग को एक पत्र लिखा है जिसमें क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Zepto पर ‘शोषणपूर्ण प्रथाओं’ का आरोप लगाया गया है। यूनियन ने कहा कि स्थानीय सप्लाई सिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद कामगारों को बुनियादी श्रमिक सुरक्षा से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रति सप्लाई दर बहुत कम हो गई है जिससे कामगारों को 10-15 रुपये से भी कम कमाई हो रही है।
न्यूनतम आय की कोई गारंटी नहीं
यूनियन ने यह भी कहा कि लंबी काम की घड़ी के बावजूद कामगारों को न्यूनतम आय की कोई गारंटी नहीं मिलती है। 10-15 मिनट के सप्लाई टाइम लिमिट की वजह से कामगारों को असुरक्षित गति से वाहन चलाना पड़ता है जिससे सड़क दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, सप्लाई पार्टनर्स पर मनमाने जुर्माने, रेटिंग आधारित पेनल्टी और अकाउंट निलंबन जैसे कड़े नियम लागू किए जाते हैं।
संघर्ष और हड़ताल की स्थिति
टीजीपीडब्ल्यूयू ने पिछले चार दिनों से हैदराबाद के कई स्टोर्स में शांतिपूर्ण हड़ताल की है। लेकिन Zepto की मैनेजमेंट ने अभी तक कामगारों की जायज मांगों को स्वीकार करने या बातचीत करने से इंकार कर दिया है। यूनियन ने राज्य श्रम विभाग से जांच करने और Zepto को न्यूनतम वेतन नियमों का पालन करने का निर्देश देने की मांग की है ताकि हड़ताल का समाधान निकाला जा सके।
Zepto कंपनी का जवाब
Zepto ने एक बयान में कहा कि कंपनी के प्रति आदेश लागत का 97 प्रतिशत हिस्सा सप्लाई पार्टनर्स को दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में सप्लाई पार्टनर्स की कमाई 100 से 120 रुपये प्रति घंटे के बीच है और यह राशि हाल के हफ्तों में स्थिर रही है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि भुगतान पारदर्शी है और गर्मियों में डबल इंसेंटिव भी दिए जाते हैं। Zepto ने आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया।
हड़ताल का समाधान और कंपनी का दावा
कंपनी ने यह भी कहा कि वह डिलीवरी के लिए जल्दीबाजी नहीं करती और देर होने पर कोई जुर्माना नहीं लगाती। Zepto ने हड़ताल की जानकारी स्वीकार की लेकिन कहा कि इसे जल्दी से सुलझा लिया गया है। इस पूरे विवाद के बीच कामगार और कंपनी के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और समाधान अभी दूर नजर आता है।