Visa-free entry: चीन ने खोले बिना वीजा के दरवाज़े, 74 देशों के लिए शुरू हुआ फ्री एंट्री प्लान

Visa-free entry: चीन ने वीजा नियमों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए 74 देशों के नागरिकों को बिना वीजा प्रवेश की अनुमति दे दी है। इन नागरिकों को अब चीन में 30 दिन तक रुकने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी। यह निर्णय खासकर पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। 2024 में चीन ने करीब 2 करोड़ पर्यटकों का स्वागत किया, जो 2023 की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है। इससे यह साफ है कि यह कदम चीन की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला साबित हो रहा है।
यात्रियों को मिल रही नई सुविधा
ऑस्ट्रिया में रहने वाले जॉर्जिया के नागरिक जॉर्जी शवाद्जे ने बीजिंग में स्थित ‘टेम्पल ऑफ हेवन’ की यात्रा करते हुए कहा कि अब यात्रा पहले से कहीं आसान हो गई है। उन्होंने बताया कि वीजा प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली थी, लेकिन अब बिना किसी अड़चन के चीन की यात्रा संभव हो पाई। इस बदलाव से उन लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी जो पहले वीजा के कारण योजना टालते थे।
कौन-कौन से देश हुए शामिल
दिसंबर 2023 में चीन ने सबसे पहले फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन और मलेशिया जैसे देशों के नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा दी थी। अब इस सूची में अज़रबैजान के जुड़ने के बाद यह संख्या 75 हो जाएगी। इसमें अधिकांश यूरोपीय देशों को शामिल किया गया है, जिससे यह साफ है कि चीन यूरोपियन टूरिज्म को विशेष रूप से टारगेट कर रहा है। इससे पहले 2019 में चीन ने 3.19 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को होस्ट किया था, लेकिन कोविड के कारण यह आंकड़ा गिर गया था।
पर्यटन उद्योग में दिखा सकारात्मक उछाल
चीन के पर्यटन क्षेत्र में अब तेजी से उछाल देखा जा रहा है। ट्रैवल कंपनी WildChina की मैनेजिंग डायरेक्टर जैनी झाओ ने बताया कि उनका व्यापार कोविड से पहले के मुकाबले 50% तक बढ़ चुका है। उन्होंने बताया कि अब आने वाले विदेशी पर्यटकों में 20 प्रतिशत यूरोपियन शामिल हैं, जो कि पहले की तुलना में काफी अधिक है। इस नई नीति से आने वाले समय में और अधिक यात्रियों की उम्मीद की जा रही है।
पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलेगी ताकत
चीन का यह फैसला न केवल पर्यटन बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। विदेशी यात्रियों के बढ़ने से होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियों और स्थानीय बाजारों को काफी लाभ होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति अगर ऐसे ही लागू रही, तो चीन जल्द ही पर्यटन के क्षेत्र में एक बार फिर विश्व में अग्रणी स्थान हासिल कर सकता है।