Thiruvananthapuram: पाद्मनाभ स्वामी मंदिर में चोरी का सनसनीखेज खुलासा! गायब सोना बरामद, लेकिन मामला दर्ज हुआ

Thiruvananthapuram: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के ईस्ट फोर्ट में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर से सोने की गहनों के गुम होने की खबर सामने आई है। हालांकि, मंदिर परिसर के भीतर ही सोना बरामद कर लिया गया, फिर भी मंदिर प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। मंदिर की प्रतिष्ठा और इसकी संपत्ति के कारण यह मामला काफी संज्ञान में आया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह पता लगाने की कोशिश की कि सोने के गहनों के गायब होने के पीछे चूक थी या चोरी का प्रयास।
जांच में क्या सामने आया?
जांच में पता चला कि जब सोने के सिक्के मजबूत कमरे (Strong Room) से बाहर लिए गए थे, उस समय सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। इस मामले की गहनता को देखते हुए, फोर्ट पुलिस स्टेशन ने तिरुवनंतपुरम की जूडिशियल फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट कोर्ट से छह मंदिर कर्मचारियों पर पॉलीग्राफ (Lie Detector) टेस्ट कराने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटना चोरी का प्रयास थी या कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम। पॉलीग्राफ परीक्षण कोर्ट में सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं, लेकिन इससे कर्मचारियों के बयानों में असंगतियों का पता चल सकता है और मामले को सुलझाने में मदद मिल सकती है।

मंदिर प्रबंधन की शिकायत और गुम हुए सिक्के
मंदिर प्रबंधन द्वारा दर्ज शिकायत में कहा गया कि 13 सोने के सिक्के, जिनका कुल वजन लगभग 107 ग्राम था, 7 से 10 मई 2025 के बीच मुख्य देवता के दरवाजे की सोने की परत लगाने के लिए मजबूत कमरे से गायब हो गए थे। हालांकि, बाद में ये सभी सिक्के मंदिर परिसर के भीतर ही पाए गए। यह घटना मंदिर सुरक्षा और प्रबंधन में छिपी कमियों को उजागर करती है। पुलिस और मंदिर प्रबंधन अब इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि घटना की जड़ में कौन जिम्मेदार था और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: विश्व के सबसे धनी मंदिरों में एक
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक है, साबरिमाला के भगवान अयप्पा के बाद। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और केरल व द्रविड़ स्थापत्य शैली का अनूठा उदाहरण है। मंदिर के मुख्य देवता भगवान विष्णु हैं, जो साँप पर लेटे हुए स्थिति में विराजमान हैं। मंदिर की समृद्धि, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्व के कारण इस घटना ने देशभर में सुर्खियां बटोरी हैं। अधिकारियों और मंदिर प्रबंधन की कोशिश है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जाए और मंदिर की सुरक्षा और धार्मिक प्रतिष्ठा सुरक्षित बनी रहे।
