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Tata Trusts में तूफान! Mehli Mistry की शर्त पर Venu Srinivasan की नियुक्ति, आगे क्या होगा सभी की नजरें

Tata Trusts में चल रही अस्थिरता थमने का नाम नहीं ले रही है। यह संकट इस कारण बढ़ गया है क्योंकि मेहली मिस्त्री, जो टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी हैं – यह वही सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट है जो भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप का नियंत्रण करता है – ने वीनू श्रीनिवासन को सायर डोराबजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी और उपाध्यक्ष पुनः नियुक्त करने की शर्तीय मंजूरी दी है। मेहली मिस्त्री की यह शर्त इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके अपने ट्रस्टी पद की अवधि 28 अक्टूबर को समाप्त होने वाली है। इस शर्त के तहत, भविष्य में किसी भी ट्रस्टी की नियुक्ति या नवीनीकरण केवल सभी ट्रस्टियों की सर्वसम्मति से ही हो सकेगा।

सर्वसम्मति की शर्त और मिस्त्री का दबदबा

मिस्त्री की शर्त यह है कि यदि भविष्य में किसी भी ट्रस्टी के पुनर्नियुक्ति प्रस्ताव पर सर्वसम्मति नहीं बनती है, तो वे वीनू श्रीनिवासन के पुनर्नियुक्ति के लिए अपनी मंजूरी वापस ले लेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह शर्त सबसे पहले खुद मेहली मिस्त्री के नवीनीकरण पर लागू होगी। इस शर्त के कारण, किसी भी प्रयास से उन्हें ट्रस्ट से हटाना या उनका नवीनीकरण रोकना असंभव हो जाएगा। सरल शब्दों में कहें तो यदि कोई ट्रस्टी वीनू श्रीनिवासन को पुनः नियुक्त करने के प्रस्ताव को पास नहीं करना चाहता या भविष्य में किसी अन्य ट्रस्टी के नवीनीकरण में सर्वसम्मति नहीं बनती, तो मेहली मिस्त्री अपनी औपचारिक मंजूरी नहीं देंगी।

Tata Trusts में तूफान! Mehli Mistry की शर्त पर Venu Srinivasan की नियुक्ति, आगे क्या होगा सभी की नजरें

आजीवन नियुक्ति का बदलाव

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इन पुनर्नियुक्तियों को आजीवन कर दिया गया है। यह बदलाव रतन टाटा के निधन के बाद हुआ, जब ट्रस्ट के अन्य ट्रस्टियों ने यह निर्णय लिया कि यदि किसी ट्रस्टी की वर्तमान अवधि सर्वसम्मति से नवीनीकृत होती है, तो वह ट्रस्टी आजीवन रहेंगे और उनकी कोई निश्चित अवधि नहीं होगी। इस निर्णय के तहत पहला ट्रस्टी नोएल टाटा बने, जिन्हें ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया। उन्होंने रतन टाटा की जगह ली और जनवरी में अपनी तीन साल की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें सायर डोराबजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी आजीवन नियुक्त किया गया।

ट्रस्ट के भविष्य पर असर

मिस्त्री की शर्त और आजीवन नियुक्ति का बदलाव टाटा ट्रस्ट्स के भविष्य के निर्णयों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। इससे ट्रस्ट के अन्य ट्रस्टियों के लिए निर्णय प्रक्रिया और भी जटिल हो जाएगी, क्योंकि अब किसी भी नियुक्ति या नवीनीकरण के लिए सर्वसम्मति आवश्यक होगी। यह न केवल ट्रस्ट के संचालन को प्रभावित कर सकता है, बल्कि ट्रस्ट की शक्ति संरचना में भी बदलाव ला सकता है। ऐसे में, वीनू श्रीनिवासन की पुनर्नियुक्ति और मेहली मिस्त्री का स्थायित्व ट्रस्ट के अंदर राजनीतिक और प्रशासनिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है।

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